हुंडरू जलप्रपात झारखंड की दूसरी सबसे ऊंची जलप्रपात है। कहा जाता है कि यहां भूत प्रेत का वास होता है कई लोगों की तो जानें भी गई है।
हुंडरू जलप्रपात रांची से 48 किलोमीटर दूर स्वर्णरेखा नदी पर स्थित है। यह झारखंड का दूसरा सबसे ऊंचाई से गिरने वाला जलप्रपात है जो अपनी खूबसूरती के लिए झारखंड सहित पूरे देश में प्रसिद्ध है। हुंडरू जलप्रपात बीहड़ जंगलों के बीच मौजूद है इसकी ऊंचाई 349 फिट है।
क्यों प्रसिद्ध है हुंडरू जलप्रपात?
हुंडरू जलप्रपात झारखंड का बेहद खूबसूरत पिकनिक स्पॉट्स है। यहां प्रत्येक वर्ष लाखों लोग भ्रमण हेतु आते हैं। अगर आप भी इस जलप्रपात का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि यह पिकनिक के लिए झारखंड की सबसे बेस्ट जगह में से एक है। पहाड़ों से गिरता हुआ पानी का दृश्य बहुत ही लुभावनी होती है इसे देख आप प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं। अगर आप हुंडरू जलप्रपात जाना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि इसे करीब से देखने के लिए आपको सीढ़ियों से गुजर कर लंबा रास्ता तय करना होगा।
वर्षा के मौसम में इस जलप्रपात की सुंदरता और भी बढ़ जाती है ज्यादातर लोग यहां वर्षा ऋतु में जाना पसंद करते हैं। इसके अलावा यहां दिसंबर और जनवरी माह में भी लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है।
क्यों कहा जाता है इसे भूतिया जलप्रपात?
आजकल भूत प्रेत पर लोग भरोसा नहीं करते भूत प्रेत को को अंधविश्वास मानते हैं। लेकिन कई जगह लोग इसमें भरोसा करते हैं और उनका मानना होता है कि भूत प्रेत की वजह से उनकी जान भी जाती है। झारखंड के रांची जिले में एक ऐसा ही जलप्रपात है जहां लोगों का मानना है कि वहां भूत प्रेत का वास होता है। झारखंड के रांची जिले में मौजूद हुंडरू जलप्रपात को लोग भूतिया स्थान मानते हैं। इसे भूतिया झरना के नाम से भी जाना जाता है। शाम 5:00 बजे के बाद वह स्थान पूरी तरह से खाली कर दिया जाता है। लोग इस स्थान को भूतिया स्थान इसलिए कहते हैं क्योंकि कई बार इस झरने में डूब कर लोगों की मौत हो गई है।
यहां प्रतिदिन माइक से अनाउंसमेंट किया जाता है कि 5:00 बजे के बाद इस स्थान को छोड़ दें अगर आप रुकते हैं तो इसकी जिम्मेवारी आपको खुद लेनी पड़ेगी। शाम 4:00 बजे के बाद जलप्रपात देखने हेतु एंट्री बंद कर दी जाती है।