शिक्षक का हर कोई के जीवन में बहुत ही बड़ा महत्व होता है। बिना शिक्षक के जीवन अंधकार होता है। शिक्षक ही होते हैं जो सभी को आगे बढ़ने की दिशा दिखाते हैं। आज मैं आपको भारत के नंबर वन शिक्षकों में से एक दिव्यकीर्ति सर के बारे में बताऊंगा। यूपीएससी जो भारत का सबसे टफेस्ट एक्जाम है इस एग्जाम को क्रैक करना हर किसी के बस की बात नहीं है, लेकिन दिव्यकीर्ति सर ने पहले ही अटेम्प्ट में एक्जाम क्रैक कर एक आईएएस अधिकारी बने। लेकिन इन्होंने कुछ ही दिन आईएएस ऑफिसर का पद संभाला और बाद में इस पद से इस्तीफा देकर एक शिक्षक बन गए।
दिव्यकीर्ति सर भारत के सबसे बेहतरीन टीचर में से एक हैं जो अभी दृष्टि नामक शिक्षण संस्थान चलाते हैं। जिसमें पढ़कर लाखों बच्चे अपना भविष्य बनाते हैं। लोगों का कहना है कि जो भी डॉ विकास दिव्यकीर्ति के कहे हुए बातों पर चलता है वह यूपीएससी एक्जाम जरूर क्रैक करता है। छात्र इन्हें द्रोणाचार्य मानते हैं। आईए जानते हैं दिव्यकीर्ति सर के निजी जीवन के बारे में।
डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति का जन्म कब हुआ?
डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसंबर 1973 में हरियाणा में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके माता एवं पिता दोनों दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदी साहित्य के प्रोफेसर थे। उनके घर में शिक्षा की माहौल होने की वजह से शिक्षा के प्रति दिव्यकीर्ति सर को बचपन से ही रुझान रहा है और इन्होंने अपने माता-पिता की तरह ही हिंदी साहित्य में रूचि रखी।
डॉ विकास दिव्यकीर्ति शिक्षा!
उनके माता-पिता हिंदी साहित्य के प्रोफेसर थे इसलिए इन्होंने भी हिंदी साहित्य में रूचि रखी। अपने माता-पिता की तरह इन्होंने भी हिंदी साहित्य का चुनाव किया इन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से पूरी की यह बचपन से ही टॉपर थे। उच्च शिक्षा हेतु इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लिया वहां से इन्होंने हिस्ट्री विषय से स्नातक तक की पढ़ाई की। इसके बाद इन्होंने हिंदी साहित्य में एमए, एमफिल और पीएचडी की है। इसके अलावा यह दिल विश्वविद्यालय और भारतीय विद्या भवन से अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। बताया जाता है कि इन्होंने लॉ की भी पढ़ाई की है।
इन्होंने ऐसे की अपने करियर की शुरुआत!
डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षक के रूप में किया वहां इन्होंने एक साल तक शिक्षा दी। इसके बाद इन्होंने यूपीएससी का तैयारी करना शुरू कर दिया क्योंकि इनके मित्र भी यूपीएससी का तैयारी कर रहे थे तो इनका भी मन यूपीएससी क्रैक करने का हुआ और उन्होंने अपने दोस्तों के साथ यूपीएससी का तैयारी करना शुरू कर दिया। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन्होंने पहले ही अटेम्ट में यूपीएससी क्रैक कर लिया और मात्र 21 साल की उम्र में आईएएस ऑफिसर बन गए। उनकी पोस्टिंग गृह मंत्रालय में हुआ जहां वे संतुष्ट नहीं थे और वहां उन्होंने मात्र 6 महीने तक ही पद संभाला और त्यागपत्र देकर फिर से शिक्षण कार्य में लग गए। आईएएस अधिकारी पद से इस्तीफा देकर दिव्यकृति सर फिर से दिल्ली यूनिवर्सिटी में शिक्षक के लिए इंटरव्यू देने गए वहां इनसे रिलीविंग लेटर मांगा गया लेकिन उस वक्त विकास इन्हें रिलीविंग लेटर का मतलब नहीं पता था। वह रिलीविंग लेटर मांगने गृह मंत्रालय गए। 20 महीने बीत गए लेकिन इन्हें रिलीविंग लेटर नहीं मिली और यह उनके लिए अच्छा रहा।
1999 में दिव्यकीर्ति सर ने दृष्टि इंस्टिट्यूट खोला जो की यूपीएससी के हिंदी मीडियम के सबसे अच्छा क्लास है। दृष्टि इंस्टीट्यूट में यूपीएससी की पढाई होने लगी इस दौरान दिव्यकीर्ति सर ने फिर से यूपीएससी का एग्जाम दिया और पास हुए लेकिन वह इस पद पर नियुक्त नहीं हुए। उन्होंने अपने संस्थान दृष्टि में पढ़ाना जारी रखा। दृष्टि की नाम तब फेमस हुई जब साल 2008 में किरण कौशल ने हिंदी साहित्य विषय से पूरे इंडिया में तीसरी रैंक लाकर दृष्टि इंस्टीट्यूट का इतिहास रचा। दृष्टि दिल्ली के टॉप फाइव क्लासेस में शामिल है।