श्रद्धा कपूर भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं जो मुख्य रूप से बॉलीवुड इंडस्ट्री में काम करती हैं। अभिनय के अलावा इन्हें सिंगिंग में भी रुचि है अभिनय के साथ-साथ यह गाना भी गाती हैं। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2010 में तीन पत्ती फिल्म से की। हालांकि उनकी पहली मूवी कुछ खास नहीं रही लेकिन साल 2013 में आई फिल्म आशिक 2 ने इन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। इस फिल्म में इन्होंने आरोही का किरदार निभाया था जिसे लोगों ने काफी पसंद किया इस फिल्म में इनके अपोजिट किरदार में आदित्य राय कपूर थे। श्रद्धा इस दौर की सबसे हॉट और खूबसूरत अभिनेत्री में से एक है इन्हें भारत सहित दुनिया भर में काफी पसंद किया जाता है। इनकी आरंभिक जीवन! श्रद्धा का जन्म 3 मई 1989 ई को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मिश्रित जातीय परिवार में हुआ था। श्रद्धा कपूर के पिता शक्ति कपूर हैं जो पंजाबी है एवं पेशे से एक एक्टर हैं। वहीं इनकी माता शिवांगी कपूर मराठी हैं और वह भी पेशे से एक एक्ट्रेस हैं। श्रद्धा के एक भाई है जो श्रद्धा से बड़े हैं इनके भाई का नाम सिद्धार्थ कपूर है वह फिल्म निर्माता एवं अभिनेता हैं। श्रद्धा कपूर शिक्षा (Shraddha Kapoor education)! श्रद्धा ने अपनी आरंभिक शिक्षा जमना बाई नर्सी स्कूल से पूरी की। वही इन्होंने उच्च शिक्षा अमेरिकन स्कूल ऑफ बंबई से पूरी की। वहां इनके साथ टाइगर श्रॉफ और अथिया शेट्टी भी पढ़ाई करती थी। श्रद्धा ने 12th के बाद पढ़ाई के लिए यूएस गई लेकिन इन्होंने कॉलेज ड्रॉप कर दिया था। करियर, पहले ही फिल्म रही फ्लॉप! श्रद्धा ने अपने करियर की शुरुआत साल 2010 में तीन पत्ती फिल्म से की दर्शकों की नेगेटिव रिव्यू आई और इनकी फिल्म ही फ्लॉप रही। इसके बाद इन्होंने लव का द एंड फिल्म किया इसकी भी कोई खास रिव्यू नहीं आई। इनकी लाइफ में टर्निंग पॉइंट तब आई जब इन्होंने साल 2013 में आशिक 2 फिल्म में आरोही का किरदार निभाया। यह फिल्म हिट से भी ज्यादा हिट थी। इसके बाद श्रद्धा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार बॉलीवुड में हिट फिल्में देते आई हैं और आगे भी देती रहेंगी। इन्होंने आशिक 2 के बाद कई हिट फिल्म किए। श्रद्धा कपूर (Shraddha Kapoor) हिट फिल्म (film)! आशिक 2 एक विलन हैदर एबीसीडी 2 बागी स्ट्रीट डांसर ए फ्लाइंग जेट शाहो इस्त्री हाफ गर्लफ्रेंड ओके जानू एबीसीडी 2 बत्ती गुल मीटर चालु रॉक ऑन 2 छिछोरे बागी 3 श्रद्धा कपूर (Shraddha Kapoor) से जुड़ी रोचक बातें! बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता शक्ति कपूर की बेटी हैं श्रद्धा। श्रद्धा कपूर अभिनय के साथ-साथ गाना भी गाती हैं। श्रद्धा के फेवरेट अभिनेता शक्ति कपूर अमिताभ बच्चन एवं रितिक रोशन हैं । इनकी फेवरेट एक्ट्रेस नूतन , वहीदा रहमान एवं पद्मिनी कोल्हापुरी। इनकी टोटल नेटवर्क 64 करोड़ है। श्रद्धा कपूर ब्वॉयफ्रेंड (Shraddha Kapoor boyfriend)! रोहन श्रेष्ठा के साथ इनका 4 साल का रिलेशन था लेकिन इनकी ब्रेकअप हो चुकी है। इसके बाद इनका नाम राहुल मोदी के साथ जोड़ा जाता है।
Poonam Pandey biography: कौन है पूनम पांडे जो आए दिन घिरे रहती हैं विवादों से!
पूनम पांडे बॉलीवुड अभिनेत्री एवं मॉडल है। आए दिन यह विवादों से चर्चा में रहती है। इन्हें इनके ड्रेसिंग सेंस के लिए काफी ट्रोल किया जाता है। हाल ही में यह नाम काफी चर्चा में था क्योंकि इन्होंने मौत का झूठा खबर फैलाया था। इन्होंने बताया कि इन्हें सर्वाइकल कैंसर थी जिस वजह से उनकी 32 साल की उम्र में ही मौत हो गई। लेकिन यह खबर बिल्कुल गलत थी। अपने इस झूठे खबर के लिए इन दिनों पूनम बहुत ही ज्यादा चर्चा में हैं। क्या आप जाना चाहते हैं कि पूनम पांडे कौन हैं? अगर हां तो बने रहें आर्टिकल के अंत तक। आरंभिक जीवन! पूनम पांडे का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में 11 मार्च 1991 में हुई थी। इन्होंने अपने आरंभिक शिक्षा कानपुर से ग्रहण किया पूनम 12वीं तक पढ़ी हैं। इसके बाद उन्होंने मॉडलिंग करना शुरू कर दिया। इनके परिवार कभी नहीं चाहते थे कि यह एक एक्ट्रेस बने लेकिन इन्हें अभिनय में रुचि थे इसलिए इन्होंने अपने करियर के रूप में मॉडलिंग एवं अभिनय जगत का चयन किया। 16 साल की उम्र में की करियर की शुरुआत! पूनम ने अपने करियर की शुरुआत 16 साल की उम्र में एस ए मॉडल शुरू किया। पूनम आए दिन अपने बोल्ड पिक्चर की वजह से चर्चा में रहती हैं। पूनम साल 2011 में रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी में आई थी खतरों के खिलाड़ी में आने के लिए इन्होंने 50 लाख चार्ज किए थे। पूनम पांडेय ने हिंदी फिल्मों के अलावा कन्नड़ , तेलुगु एवं भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया है। हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत पूनम फिल्म नशा से की थी। इस फिल्म में पूनम बेहद बोल्ड लुक में नजर आईं लेकिन उनकी पहली ही फिल्म फ्लॉप रही। पूनम अभिनय के लिए कम अपने बोल्ड सीन और कंट्रोवर्सी के लिए ज्यादा चर्चा में रहती हैं। पूनम पांडे का बॉयफ्रेंड कौन है? पूनम बहुत दिनों से अपने बॉयफ्रेंड सैम को डेट कर रही थी अंततः साल 2020 में उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड से शादी कर ली। शादी के 12 दिन बाद ही उन्होंने अपने पति से तलाक ले लिया। उन्होंने अपने पति पर यौन शोषण का आरोप लगाया जिसके बाद गोवा पुलिस ने उनके पति सैम को गिरफ्तार कर लिया था। मरने के झूठे खबर क्यों फैलाई पूनम! पूनम अपने मरने के झूठे खबर इसलिए फैलाएं क्योंकि वह लोगों को सर्वाइकल कैंसर के लिए जागरूक करना चाहती थी। वह चाहती थी कि सर्वाइकल कैंसर के बारे में पूरा देश जाने क्योंकि यह बहुत ही खतरनाक बीमारी है। बताया जाता है कि महिला के लिए यह दूसरा सबसे घातक बीमारी है। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रतिदिन हमारे देश में 211 महिलाएं मरती हैं।
बिहार का इतिहास इतना गहरा फिर भी बिहार क्यों पिछड़ा!
जैसे ही बिहार की नाम आती है लोगों के मन में ख्याल आता है कि बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है। बिहार के इतिहास उठाकर देखा जाए तो बिहार की राजधानी पटना कभी सबसे समृद्ध राजधानी हुआ करती थी वही आज सबसे गरीब राज्य की राजधानी बन गई है। कभी विश्व भर के लोगों के लिए 800 वर्षों तक शिक्षा के केंद्र रही बिहार आज भारत के सबसे कम साक्षरता वाली राज्य बन गई है। अब सवाल यह आता है कि आखिर क्यों बिहार की स्थिति ऐसी? इस आर्टिकल में इन विषयों पर चर्चा की गई है अतः आप इसे जरूर पढ़ें। बिहार भारत का एक ऐतिहासिक राज्य है जिसका इतिहास भारत जितना प्राचीन है। बिहार को प्राचीन काल में मगध कहा जाता था क्योंकि यह मगध साम्राज्य का हिस्सा था। प्राचीन समय में बिहार मगध के नाम से जाना जाता था। बिहार का नाम बिहार बौद्ध विहार के नाम पर विहार पड़ा था तथा बाद में यह बिहार बन गया। बिहार जनसंख्या की दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है जो भारत के उत्तर पूर्व के मध्य भाग में स्थित है। बिहार के पिछड़ा राज्य होने का ऐतिहासिक कारण! बिहार का इतिहास इतना गहरा है तो फिर बिहार इतना पिछड़ा क्यों? इस बात से मुकरा नहीं जा सकता की बिहार के पिछड़ा होने की मुख्य वजह ब्रिटिश शासन है। बिहार गरीब तब हुआ जब अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा करना शुरू किया और यहां से टैक्स वसूलने लगे। बात 1790 ई की है लॉर्ड कार्नवालिस ने बिहार के बड़े क्षेत्र को देख यहां पर टैक्स वसूली के लिए मुगलों द्वारा बनाए गए जमींदारी व्यवस्था को अपने अनुसार बदलकर लागू कर दिया। मुगलों द्वारा स्थापित जमींदारी व्यवस्था में जितना मजदूरों को शोषित नहीं किया जाता था उतना ब्रिटिशों द्वारा किया जाने लगा। 1793 ईस्वी में जमींदारी व्यवस्था को अस्थाई बंदोबस्त में बदल दिया गया। इसमें किसानों को कूल उपज 89% हिस्सा टैक्स के रूप में देना पड़ता था। प्रारंभ में इसमें ब्रिटिशों को बहुत लाभ हुआ क्योंकि बिहार की भूमि पर उपज बहुत ही उन्नत ढंग से हुई। इसके बाद अंग्रेजों ने इस व्यवस्था को उत्तर भारत के काफी हिस्सों में लागू कर दिया एक ओर यह व्यवस्था ब्रिटिशों को लाभ पहुंचाई तो दूसरी ओर यह मजदूर के लिए काफी नुकसानदेह साबित हुई क्योंकि हर समय उपज अच्छी हो यह संभव नहीं है। इस प्रकार किसान को अपने जमीन से हाथ धोना पड़ा क्योंकि अंग्रेजों से ठीका पर जिसने जमीन लिया था वह मजदूरों को लोन देने लगा इस प्रकार व साहूकार बन गया। लोन से पैसा वसूल कर वह अंग्रेजों को देने लगा ऐसी स्थिति में मजदूरों को अपने जमीन से हाथ धोना पड़ा। किसान की उपज अच्छी नहीं होती जिस वजह से उसे अपने जमीन से हाथ धोना पड़ता और टैक्स देने पर उपज नहीं होती जिस वजह से बंधुआ मजदूर की तरह उन्हें काम करना पड़ता। बिहार में ऐसे मजदूरों की जनसंख्या बढ़ती गई बिहार के साथ वे सभी राज्य जहां स्थाई बंदोबस्त व्यवस्था लागू की गई थी वहां की स्थिति भी बिहार की तरह ही हो गई। पहले बिहार बंगाल प्रोविंस का हिस्सा हुआ करती थी लेकिन रूल ऐसा था कि सरकारी नौकरी पर प्राथमिकता बंगाली लोग को दी जाती थी। एवं बड़े प्रशासनिक व्यवस्था पर भी बंगाली लोग ही बैठे हुए थे ब्रिटिश हुकूमत की यही लापरवाही की वजह से बिहार पीछे होता गया। बिहार के पिछड़े राज्य होने का आधुनिक कारण! बिहार में बढ़ती जनसंख्या की वजह से भी बिहार अन्य राज्यों की वजह से पिछड़ा राज्य है। इसके अलावा बिहार में हर साल आने वाले बाढ़ से बिहार को काफी क्षति होती है। सीमित कृषि भूमि होने की वजह से बिहार में उपज कम हो रहा है। यहां उद्योग के विकास नहीं हो पाई है जिस वजह से बिहार की बहुत सारी जनसंख्या पलायन कर रही है।
Archana Singh biography: समाज के साथ-साथ परिवार वालों ने भी छोड़ दिया था साथ, फिर भी भोजपुरी के टॉप अभिनेत्री में नाम शुमार!
अर्चना सिंह भारतीय अभिनेत्री हैं जो मुख्य रूप से भोजपुरी फिल्मों में अभिनय करती हैं। अर्चना अभिनेत्री के साथ-साथ एक मॉडल भी है। इन्होंने बहुत कम उम्र से ही अभिनय दुनिया में कदम रखा और आज ये भोजपुरी सिनेमा की सबसे हॉट हीरोइनों में से एक है। मशहूर अभिनेत्री अर्चना सिंह ने भोजपुरी सिनेमा में साल 2013 में कदम रखा उनकी पहली फिल्म “सबसे बड़ा मुजरिम” थी। इस फिल्म में उन्होंने इतना अच्छा अभिनय किया कि लोग इनके दीवाने बन गए। इस फिल्म के जरिए वह रातों रात स्टार बन गईं इस फिल्म के बाद यह अक्सर चर्चा में रहने लगीं इनके फैंस इनके बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं। क्या आप अभी अर्चना सिंह के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं आइए हम आपको अर्चना सिंह की आरंभिक जीवन , शिक्षा ,जन्म , फैमिली एवं करियर के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हैं। अर्चना सिंह की आरंभिक जीवन! अर्चना सिंह का जन्म 1 जनवरी 1991 में बिहार राज्य के भभुआ में हुआ था। अर्चना ने अपनी फैमिली के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है। उनकी फैमिली की बात करें तो यह ज्यादा निजी मामलों को पब्लिक नहीं करती हैं। अर्चना सिंह की शिक्षा में खास रुचि नहीं थी इन्हें पढ़ने से ज्यादा स्कूल में होने वाले कार्यक्रम में रुचि रहता था। इन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा अपने निवास स्थान से पूरी की। अर्चना ने स्कूली जीवन से ही मॉडलिंग करना शुरू कर दिए थे। अपने स्कूल के कार्यक्रम में यह बढ़-चढ़कर भाग लेती थी तथा इन्हें लोग खूब सराहते थे। अर्चना के लिए आसान नहीं था एक्ट्रेस बनना! अर्चना बचपन से ही एक एक्ट्रेस बनना चाहती थी। अर्चना जब छोटी थी तो अपने विद्यालय में होने वाले कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेती थी। उनके परिवार वाले चाहते थे कि यह पढ़ाई में बेहतर करें लेकिन उनकी रुचि अभिनय में ज्यादा थी। इन्हें अभिनय करना पसंद था इसलिए इन्होंने अपने करियर का चुनाव अपने पसंद से ही किया शुरुआत में इन्हें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा था इन्हें समाज एवं अपने परिवार से भी लड़ना पड़ा था। इन्होंने सारे समस्याओं को पीछे छोड़ अपना हंड्रेड दिया और आज यह भोजपुरी की मशहूर अभिनेत्री में से एक हैं। इन्होंने भोजपुरी सिनेमा में “सबसे बड़ा मुजरिम”फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की। “सबसे बड़ा मुजरिम” फिल्म साल 2013 में आई थी। इस फिल्म ने उन्हें खास पहचान दिया इस प्रकार वे इस फिल्म के बाद काफी चर्चा में रहने लगी। यह अपनी इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। यह प्रायः लिप्सिंग , डांसिंग वीडियो अपलोड करते रहती हैं जिसे लोग खूब पसंद करते हैं। इनका इंस्टाग्राम पर एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। अर्चना सिंह सुपरहिट फिल्म! सबसे बड़ा मुजरिम राम मिलाई जोड़ी दिल भईल दीवाना बम बम बोल रहा है काशी जीतब अब हम प्यार के बाजी विजयपथ अहम जग
अयोध्या राम मंदिर का पूरा इतिहास,क्यों मुसलमानों ने इसे ध्वस्त किया था!
अयोध्या हिंदुओं का एक धार्मिक केंद्र रहा है। यहां का एक अनोखा और विचित्र इतिहास है प्रत्येक हिंदू के लिए यह जगत स्वर्ग जैसा है क्योंकि यहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का जन्म हुआ था। भगवान राम यहां के राजा थे प्रभु श्री राम जी के जन्म स्थान को हमेशा के लिए याद करने के लिए यहां राम मंदिर का निर्माण करवाया गया था। परंतु फिर उस मंदिर को तोड़ दिया गया लेकिन कई साल बाद फिर से प्रभु श्री राम मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया परंतु इससे पहले यह मंदिर कैसा था और किसने बनवाया था यह विस्तार से जानते हैं। प्रभु श्री राम एक हिंदू देवता हैं जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं हिंदू धर्म में प्रभु श्री राम को सर्वश्रेष्ठ राजा के रूप में जाना जाता है। प्राचीन महाकाव्य के अनुसार प्रभु श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था इसलिए अयोध्या में उनके जन्म स्थान पर मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया और मंदिर बनवाया गया। बाबर द्वारा मुगल साम्राज्य की नींव रखे जाने के बाद भारत के कई मंदिरों को ध्वस्त किया गया जिसमें से एक राम मंदिर भी था। बाद में वहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिद बनवा दिया जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाने लगा। बाबर ने 1527 ईस्वी में राम मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया और 1528 ईस्वी में बाबर की सेनापति मीर बाकी मंदिर को ध्वस्त करने आ पहुंचा। उस समय मंदिर के महंत स्वामी श्यामानंद जी थे उन्होंने वहां के लोगों के साथ मिलकर मंदिर को बचाने का प्रयत्न भी किया था लेकिन बाबर के बड़े सेना के समक्ष राम भक्त नहीं टिक पाए और वह वीरगति को प्राप्त हुए। बताया जाता है कि इस मंदिर की रक्षा के लिए 174000 हिंदू वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके वीरगति प्राप्त होने के बाद अंततः मंदिर को ध्वस्त करवा दिया गया और वहां मस्जिद बनवा दिया गया। जिसका नाम बाबरी मस्जिद रखा गया। मंदिर के ध्वस्त होने के बाद बार-बार राम भक्तों ने मंदिर का पुनर्निर्माण करने के लिए प्रयत्न किया लेकिन उनका प्रयास असफल रहा अकबर के शासनकाल में भी कई बार राम भक्तों ने मंदिर का पुनर्निर्माण के लिए आंदोलन किया इसके बाद अकबर ने वहां एक चबूतरा पर छोटा सा राम मंदिर बनवा दिया बाद में उस मंदिर को औरंगजेब ने तुड़वा दिया था। सन 1813 में हिंदुओं ने अंग्रेजों से मंदिर निर्माण के लिए अनुरोध किया इसके बाद अंग्रेज उनके कहने पर मंदिर को लेकर शोध किया जिसमें पता चला कि यहां वास्तु कला है जो मंदिर होने का प्रमाण दर्शाता है लेकिन उस वक्त अंग्रेज उतने बलशाली नहीं थे जिस वजह से वह हिंदुओं को मंदिर बनाने में सहायता ना कर सके। बाबरी मस्जिद बनने के बाद मुसलमान दावा करने लगे की यहां पर हमेशा से मस्जिद ही था वही हिंदू समुदाय के लोगों का कहना था कि यहां प्रभु श्री राम का मंदिर था जिसे ध्वस्त करवा कर मस्जिद का निर्माण करवाया गया। इस मुद्दे को कोर्ट तक ले जाया गया जिसके बाद पुरातात्विक समूह बनाकर शोध किया गया जिसके बाद पाया गया कि यहां 5000 साल पुराना मंदिर था जिसे ध्वस्त करवा दिया गया था। जोसेफ टिफेनथेलर ने अपनी पुस्तक डिस्क्रिप्टियो इंडिया में लिखा है, राम कोटा मंदिर जिसे अयोध्या का किला कहा जाता है एवं बेदी जहां प्रभु श्री राम का जन्म स्थान माना जाता है उसे नष्ट करवा के मस्जिद का निर्माण करवाया गया था। पहली बार 1853 ईस्वी में धार्मिक हिंसा की घटना सुनने को मिलती है 1858 में ब्रिटिश प्रशासन में विवादित स्थल पर धार्मिक अनुष्ठान करने से मना कर दिया जिसके बाद मस्जिद के बाहर धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंच बनवाया गया। बहुत समय बाद 1934 में एक बार फिर से वहां दंगा हुआ बाबरी मस्जिद के दीवारों को तोड़ दिया गया। जिसे अंग्रेजी शासन ने बनवा तो दिया लेकिन हिंदुओं के विरोध किए जाने पर मुसलमान को वहां नमाज पढ़ने से रोक दिया गया। इसके बाद मुसलमान वहां दंगे करने लगे। 1949 में अचानक मंदिर के अंदर से घंटी बजाने की आवाज आती है और वहां प्रभु श्री राम की मूर्ति प्रकट होने की खबर आती है जिसे मुस्लिम अफवाह बताते हैं और कहते हैं कि हिंदुओं ने जानबूझकर वहां श्री राम की मूर्ति रखी है। इसके बाद दंगा इतना बढ़ जाता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को वहां से प्रभु श्री राम की मूर्ति हटाने का निर्णय लेना पड़ता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मुसलमान का पक्ष लेते हुए अयोध्या के जिलाधीश के के नायर से मंदिर से मूर्ति हटाने को कहा लेकिन केके नायर इस बात से इनकार कर दिए। इसके बाद फिर एक बार फिर से पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा उन्हें मूर्ति हटाने को कहा गया जिसके बाद केके नायर ने इस्तीफा दे दिया और वहां एक जालीनुमा दरवाजा लगाने को कहा यह बात पंडित जवाहरलाल नेहरू को पसंद आई और उन्होंने ऐसा ही करने का आदेश दे दिया। 1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकालने का निर्णय लिया उनके इस निर्णय पर बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दे दिया। उनके गिरफ्तारी के बाद भी रथ को अयोध्या ले जाया गया। जिस दिन रथ अयोध्या पहुंचने वाली थी उस दिन पुलिस के मना करने के बावजूद भी राम भक्तों ने बाबरी मस्जिद पर हिंदू ध्वज फहराया था। 3 दिन के बाद अयोध्या के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने राम भक्तों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया जिसमें सैकड़ो राम भक्तों की जान चली गई। 1992 ईस्वी में राम भक्तों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया इसके बाद पूरे देश में हिंदू मुस्लिम दंगा फैल गया। उस दौरान हजारों राम भक्तों की जानें गई थी। इसकी जिम्मेदारी लेते हुए कल्याण सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उस दिन वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। 9 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय ने अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल को राम जन्मभूमि ट्रस्ट को दे दिया। 5 फरवरी 2020 को राम जन्मभूमि ट्रस्ट का गठन हुआ इसके बाद मंदिर के निर्माण आरंभ हुआ और अंततः 22 जनवरी 2024 को
Happy kiss day: किस डे की शुरुआत कब हुई थी जानें इतिहास!
लव वीक यानी वेलेंटाइन वीक वेलेंटाइन वीक की शुरुआत 7 फरवरी रोज डे से होती है और 14 फरवरी वैलेंटाइन डे को खत्म होती है। पहले दिन रोज डे मनाया जाता है उसके बाद प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे (Kiss day) और वैलेंटाइन डे वीक के लास्ट दिन मनाया जाता है। आज 13 फरवरी 2024 मंगलवार को किस डे मनाया जाएगा। किस डे वैलेंटाइन वीक का बहुत ही स्पेशल डे माना जाता है और बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। किस डे तो सभी मनाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि किस डे क्यों मनाया जाता है? इसकी शुरुआत कब हुई थी अगर आपका जवाब है नहीं तो जानने के लिए बन रहे अंत तक। क्यों मनाया जाता है किस डे (Kiss day)? 13 फरवरी को अमेरिका , रूस , भारत सहित कई अन्य देशों में किस डे (Kiss day) मनाया जा रहा है। जरूरी नहीं है कि आज के दिन सिर्फ प्रेमी और प्रेमिका ही एक दूसरे को किस करें आज के दिन आप अपने प्रेमी प्रेमिका के अलावा अपने अन्य प्रियजन को भी किस कर सकते हैं। किस डे वेलेंटाइन वीक का बहुत ही स्पेशल डे होता है। किस करने से प्रेमी प्रेमिका में प्यार बढ़ता है और एक दूसरे पर भरोसा जताया जाता है। किस करने से प्रेमी प्रेमिका के बीच संबंध और भी गहरा हो जाता है और एक दूसरे के लिए सम्मान बढ़ जाता है। किस डे को वेलेंटाइन वीक का सबसे रोमांटिक डे माना जाता है। किस डे (Kiss day) के जरिए प्रेमी प्रेमिका अपने प्यार का इजहार करते हैं और एक दूसरे को ये बताते हैं कि उनका संबंध बहुत गहरा है। यूं कहा जा सकता है कि प्रेम संबंध को बढ़ाने के लिए किस डे (Kiss day) मनाया जाता है। किस डे (Kiss day) मनाने के पीछे का इतिहास! Kiss day मनाने के पीछे की कई वजह है लेकिन मैं आपको दो कहानी बताऊंगा जो बहुत ही प्रचलित है। किस डे (Kiss day) मनाने की शुरुआत पहले फ्रांस अमेरिका रूस देश में हुई थी लेकिन अब धीरे-धीरे भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा। बताया जाता है कि रूस में शादी करने के दौरान कपल्स एक दूसरे को वादा करते समय किस करते थे और यह प्रचलन आज भी उन लोगों के बीच लोकप्रिय है। किस करने का ताल्लुक फ्रांस से भी है फ्रांस में छठी शताब्दी के दौरान लोग कपल डांस के अंत में एक दूसरे को किस करते थे इसके बाद डांस खत्म करने की घोषणा की जाती थी।
Rocky Sharma biography: सोसल मीडिया इनफ्लूइंसर रॉकी शर्मा कुसुम को क्यों डुएट किए
रॉकी शर्मा ऐसा नाम है जो परिचय का मोहताज नहीं है आए दिन रॉकी शर्मा के वीडियो पर करोड़ों व्यूज आते हैं। रॉकी शर्मा सोशल मीडिया पर आज के दौर के चमकता इन्फ्लुएंसर हैं। इन्हें इंस्टाग्राम पर 31 मिलियन लोग फॉलो किए हैं। रॉकी शर्मा एक्टर एवं सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हैं। क्या आप भी रॉकी शर्मा के फैन हैं और उनके निजी जिंदगी के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको इस आर्टिकल को जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें रॉकी शर्मा से जुड़ी सभी जानकारी साझा की गई है। आरंभिक जीवन एवं परिवार! रॉकी शर्मा का जन्म बिहार के पटना शहर में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था इनकी शिक्षा की बात करें तो इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने घर के निजी प्राइवेट स्कूल से पुरी की एवं इन्होंने उच्च शिक्षा भी पटना से ही पूरा किया रॉकी बीसीए किए हुए हैं। रॉकी के परिवार में उनके माता-पिता एवं एक भाई और एक बहन हैं। करियर! रॉकी शर्मा ने अपनी बीसीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करने लगे। लेकिन उन्हें बचपन से ही कॉमेडी करना पसंद था। जब भी वे सोशल मीडिया पर कॉमेडी वीडियो देखते तो उनके मन में ख्याल आता कि वह भी कॉमेडी कर सकते हैं। जब वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करते थे उस समय से ही उन्होंने लिप्सिंग वीडियो बनाने शुरू किए लिप्सिंग वीडियो पर अच्छा रिस्पांस ना आने की वजह से उन्होंने कुछ अलग करने को सोचा रॉकी बताते हैं कि जब वह इंस्टाग्राम पर रील्स कर रहे थे तो उन्हें कुसुम का वीडियो दिखा इसके बाद उनके मन में उसे और भी फनी बनाने का ख्याल आया और इस पर उन्होंने एक दो वीडियो बना डाला। कुसुम का वीडियो पर इतना अच्छा रिस्पॉन्स आया की रॉकी शर्मा का फॉलोअर्स दिन प्रतिदिन बढ़ता गया कुसुम के अलावा रॉकी और भी इनफ्लुएंसर पर फनी वीडियो बनाते हैं। जिसे लोग बेहद पसंद करते हैं। रॉकी बताते हैं कि जब वे पढ़ाई करते थे उस दौरान वे मॉडलिंग और थिएटर भी किया करते थे लेकिन पढ़ाई की वजह से उन्हें मॉडलिंग और थिएटर छोड़ना पड़ा था। इंस्टाग्राम शॉट बनाने से पहले रॉकी टिकटोक पर भी शॉर्ट्स वीडियो बनाते थे। सोर्ट्स के चक्कर में छोड़ दिए नौकरी! रॉकी को शॉर्ट्स वीडियो बनाना इतना भाग गया कि उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ वीडियो बनाने लगे। रॉकी को नौकरी छोड़ने के बाद उनके परिवार वाले उनसे नाराज हो गए थे लेकिन अब वे भी इनका सपोर्ट करते हैं।
Happy hug day: जाने क्यों मनाया जाता है हग डे,क्यों है इस खास दिन का इतना महत्व!
वेलेंटाइन वीक के छठे दिन यानी 12 फरवरी को हग डे (hug day) मनाया जाता है। फरवरी का महीना हर लवर के लिए बेहद ही खास होता है क्योंकि इस महीने में प्यार का इजहार करने का सबसे अच्छा मौका होता है। फरवरी माह में ज्यादातर प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे को प्रपोज करते हैं। वैलेंटाइन डे की शुरुआत 7 फरवरी रोज डे से होती है और आज है वेलेंटाइन वीक का छठा दिन 12 फरवरी यानी हग डे। कहा जाता है कि गले लगाने से आपसी प्रेम बढ़ते हैं इसलिए गले मिलना बेहद खास माना जाता है। क्या आप जानते हैं क्यों मनाया जाता है हग डे (hug day) अगर नहीं तो चलिए मैं आपको बताता हूं। हग डे (hug day) वेलेंटाइन वीक का सबसे महत्वपूर्ण डे में से एक है। इस दिन अपने करीबी को सभी हग करते हैं। ऐसा नहीं है कि हग डे के दिन केवल प्रेमी प्रेमिका ही एक दूसरे को हग करते हैं। हग डे के दिन प्रेमिका के अलावा फैमिली , फ्रेंड्स , टीचर स्टूडेंट भी एक दूसरे को हग करते हैं। कहा जाता है कि गले लगाने से प्यार बढ़ता है। आपके गले लगाने के तरीके बताते हैं आपका प्रेम कितना गहरा है! हग डे (hug day) प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए बेहद खास होता है क्योंकि इस दिन गले मिलकर प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे को प्यार का एहसास दिलाते हैं। वेलेंटाइन वीक बहुत ही रोमांटिक वीक होता है। इस वीक को प्रेमी प्रेमिका बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। अगर आप हग डे मनाने जा रहे हैं और आपकी कोई महिला मित्र है तो उसे सोच समझ कर हग करें क्योंकि महिला हग करने के तरीके से पहचान जाती है कि उन्हें प्यार से गला लगाया गया या नहीं। इसलिए आप अपनी महिला मित्र से मिलने जा रहे हैं तो उन्हें बड़े ही प्यार से गले लगाएं। क्योंकि आपके गले लगाने के तरीके बताते हैं आपका प्रेम कितना गहरा है। क्यों मनाया जाता है हग डे (hugday)? हग डे के जरिए प्यार जाहिर किया जाता है। हग डे (hug day) के दिन प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे को हग कर के बिना बोले भी अपना प्यार का इजहार करते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल प्रेमी और प्रेमिका ही गले मिलते हैं आज के दिन सभी सगे संबंधी गले मिलते हैं। पहले वैलेंटाइन डे पश्चिमी सभ्यता का हिस्सा था लेकिन अब भारत सहित अन्य देशों में भी इसे सेलिब्रेट किया जाता है। वैसे हग डे मनाने के पीछे कोई खास वजह नहीं है। पहले पश्चिमी सभ्यता में हग डे मनाने का प्रचलन था लेकिन अब भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा कहा जाता है कि वेलेंटाइन वीक को खास बनाने के लिए हग डे (hug day) मनाया जाता है।
Arvind Akela Kallu biography: इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता क्यों बने अरविंद अकेला कल्लू!
अरविंद अकेला उर्फ कल्लू भारतीय अभिनेता है जो मुख्य रूप से भोजपुरी इंडस्ट्री में अभिनय एवं गायन करते हैं। इनका असली नाम अरविंद अकेला है लेकिन ज्यादातर लोग इन्हें कल्लू नाम से जानते हैं। अरविंद अकेला बचपन से ही सिंगर बनना चाहते थे और इन्होंने बचपन में ही गाना गाना शुरू कर दिया था क्योंकि इनके पिता एक लोक गायक थे इसलिए इनकी भी रुचि संगीत की दुनिया में बढ़ी। इन्होंने गाना गाना अपने पिता से सीखा है। यह अपने पिता के साथ छोटे-मोटे प्रोग्राम में गाना गाते थे एवं अपने स्कूल कॉलेज में होने वाले फंक्शन में भी भाग लेते थे। इनका पहला गाना झुरू झुरू निमिया गछिया थी आईए जानते हैं अरविंद अकेला उर्फ कल्लू के बारे में। आरंभिक जीवन! अरविंद अकेला उर्फ कल्लू का जन्म 26 जुलाई 1997 ई को बिहार के बक्सर जिले में एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम चुनमुन चौबे है जो गायक, निर्माता एवं निर्देशक हैं। कल्लू बचपन से ही चाहते थे कि वे बड़े होकर सिंगर बने उन्होंने 9 साल की उम्र से ही गाना गाना शुरू कर दिया था। गाने के प्रति रुझान देखा उनके पिता ने अपने साथ उन्हें छोटे-मोटे प्रोग्राम में ले जाना शुरू किया जहां अरविंद अकेला उर्फ कल्लू को खूब पसंद किया गया। अरविंद ने कई गाने गाए लेकिन इनकी प्रसिद्धि मुर्गा बेचैन बाटे गाना से हुई। करियर! इन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2014 में मुर्गा बेचैन बाटे गाने से की, ये गाना बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध हुई थी जिसके बाद इन्हें भोजपुरी सिनेमा में गाना गाने का ऑफर मिलने लगा इन्होंने भोजपुरी इंडस्ट्री में बहुत सारे हिट गाने दिए हैं और आगे भी देंगे। गाने और अभिनय के साथ-साथ इन्हें डांस भी करना आता है। अरविंद अकेला अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देते हैं। यह पवन सिंह को अपना आइडल मानते हैं और उन्हीं के अंदाज में गाना गाना पसंद करते हैं। कल्लू के हिट गाने! मुर्गा बेचैन बाटे झुरू झुरू निमिया गछिया गवनवा कहिया ले जैवा हुक राजा जी जान लोगी क्या निमिया के डाढ़ मईया घर में से निकले मैहर से सजनवा कंगनवा ले अहिआ फिल्मी करियर की बात करें तो इन्होंने फिल्म में पहला कदम साल 2015 में “दिल भइल दीवाना” में रखा। इनका पहले ही फिल्म इतना अच्छा था कि वर्ष 2015 में ही इन्हें तीन फिल्में मिल गई इसके बाद इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और ये एक से बढ़कर एक हिट फिल्म देते आए हैं। अरविंद अकेला कल्लू के हिट फिल्म! दिल भइल दीवाना बताशा चाचा सजना मंगिया सजाई दा हमार दिलदार सजना हुकूमत दीवानगी हद से त्रिशूल रंग लैला तीन छैला
Jaya Kishori biography: कौन है जया किशोरी जिनकी है पूरी दुनिया दीवानी!
जया किशोरी ऐसा नाम है जो परिचय की मोहताज नहीं इन्हें बच्चा बूढ़ा जवान सभी जानते हैं। जया किशोरी कथा वाचक एवं गायिका है जो मुख्य रूप से भजन गाया करती हैं। जया की उम्र अभी मात्र 25 साल हो रही है जिस उम्र में लड़कियां पढ़ाई करती हैं अपने करियर की चुनाव करती हैं उस उम्र में जया गीता सहित कई कथा दुनिया को सुना चुकी है और लोगों को अपनी कथा के माध्यम से मोटिवेट भी किया करती हैं। जया जब मात्र 7 साल की थी तब से ही इन्होंने भजन गाना शुरू कर दिया था। उनके परिवार वाले बताते हैं कि जब जया जी की जन्म हुई थी तो बताया गया था कि उनका जन्म चंद्रवंश में हुआ है जो बहुत ही किस्मत वाला होता है। जया किशोरी भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त है उन्होंने बहुत कम उम्र से अपने भजन के माध्यम से कान्हा जी को रिझाना शुरू कर दिया था तो आईए जानते हैं जया किशोरी की निजी जिंदगी के बारे में। यह भी पढ़े : जया किशोरी की आरंभिक जीवन ! जया किशोरी का जन्म 13 जुलाई 1995 ई को राजस्थान के सुजानगढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम राधेश्याम हरितपाल एवं माता का नाम सोनिया शर्मा एवं अन्य नाम गीता हरितपाल है। जया किशोरी की एक बहन है जो जया से छोटी है उनका नाम चेतना शर्मा है। ये गौर ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती हैं।शिक्षा: जया किशोरी की शिक्षा की बात करें तो यह बीकॉम की हुई है जया ने आरंभिक शिक्षा श्री शिक्षणटन और बिरला विश्व अकैडमी से पूरी की है। जया आध्यात्म की ओर बचपन से ही थी क्योंकि उनके परिवार में अध्यात्म की माहौल थी। इन्हें क्यों कहा जाता है किशोरी ? प्राय: जया शर्मा के नाम के पीछे जया किशोरी लगाया जाता है इनका असली नाम जया शर्मा है। लेकिन उनके गुरु गोविंद राम मिश्रा ने इन्हें किशोरी की उपाधि दी थी। जया किशोरी कृष्ण भगवान की परम भक्त हैं उनकी भक्ति को देख गुरुदेव ने इन्हें किशोरी कहा। जया किशोरी से जुड़ी रोचक बातें ! जया किशोरी की पसंदीदा गायिका लता मंगेशकर एवं आशा भोसले हैं।उनके पसंदीदा नेता नरेंद्र मोदी और पसंदीदा नेत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज है। साल 2021 में जया जी को मोटिवेशनल स्पीकर ऑफ़ द ईयर का अवार्ड दिया गया था। जय जब मात्र 7 वर्ष की थी तभी से इन्होंने भजन गाना शुरू किया था। जया किशोरी को योग करना पसंद है वह प्राय: योग किया करती हैं। जया किशोरी को हारमोनियम बजाने आता है वह जब भजन गया करती है तो खुद से हारमोनियम बजती हैं। ये अपने स्कूली शिक्षा के दौरान क्लासिकल नृत्य सीखा करती थी। जया किशोरी की नानी बाई मायरो नमक कथा है जो की तीन दिनों तक चलता है तथा जया श्रीमद् भागवत गीता की कथा 7 दिनों तक सुनाती है। जया शर्मा के इंस्टाग्राम पर 7 मिलियन से भी ज्यादा फॉलोअर्स है। जया किशोरी की प्रमुख भजन ! नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो।अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम।मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है।जगत के रंग क्या देखूं।मां बाप को मत भूलना।सबसे ऊंची प्रेम सगाई।शिव स्तोत्र।मीठे रस से भरियो री राधा रानी लागे।