भारत के क्रिकेटर (Indian cricketer) के बारे में कहा जाता है कि जीतने के लिए ये लोग जादू टोना करते हैं। एक ने तो जीतने के लिए अपनी चोटी कटवा दी तो एक ने बीच मैदान में ही मंत्र पढ़ने लगा था वैसे तो क्रिकेट मैदान में खेला जाता है लेकिन ड्रेसिंग रूम में ही बैठकर क्रिकेट को अपनी तरफ करते हैं, इसके लिए अलग-अलग रंग के जूते पहनता है तो कोई अपना लकी क्लब्स को तब तक नहीं छोड़ा जब तक वह फट नहीं जाए। आज हम आपको कुछ ऐसे ही प्लेयर्स के बारे में बताएंगे जो ट्रॉफी के लिए जादू टोना का सहारा लेते हैं।
अब हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को ही देख लीजिए, कूल टैटू और ऊपर से लग्जरी वॉच। हार्दिक यह वह चीज है जिसे दशरथ सबसे पहले नोटिस करते हैं। हार्दिक को दुनिया का सबसे स्टाइलिश प्लेयर माना जाता है और उन्हें देखने के बाद महसूस ही नहीं होता कि यह जादू टोना करते होंगे। परंतु यह बिल्कुल गलत है क्योंकि हार्दिक पांड्या दुनिया के ऐसे प्लेयर है जिन्हें बहुत ज्यादा वहम होता है। हालांकि यह तब महसूस हुआ जब पाकिस्तान के खिलाफ भारत का मैच था तब उनकी गेंद से खूब पिटाई हो रही थी तब वह बीच मैदान में ही मंत्र पढ़ने लगे थे और जैसे ही वो बॉल डाले उन्हे इमाम उल हक का विकेट मिल गया था। इसके बाद कई लोगों का मानना था कि हार्दिक ने उसे बॉल पर जादू किया है। हालांकि बाद में पता चला की हार्दिक गुस्से में थे इसलिए कंसंट्रेट होने के लिए वैसा किए थे।
रन मशीन के नाम से फेमस विराट कोहली (Virat Kohli) के नाम न जाने कितने बड़े-बड़े रिकॉर्ड दर्ज है लेकिन कोहली कभी कभी टैलेंट के अलावा टोटके का भी यूज करते हैं जैसे जब कोहली इंडियन टीम (Indian Team) में नए आए थे तब लगातार रन बना रहे थे तो उन्हें लगा था कि उनके ग्लव्स की वजह से यह सब हो रहा है और वह अपनी ग्लव्स को लकी ग्लव्स मानते थे और कोहली ने उसे ग्लव्स को तब तक यूज किया जब तक वह ग्लव्स बुरी तरह से फट नहीं गया।
इंडिया के सबसे कामयाब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) किसी परिचय की मोहताज नहीं है उनकी केपीटैंसी में इंडिया दो बार वर्ल्ड कप जीत चुकी है। धोनी (Dhoni) के बारे में कहा जाता है कि जब वह कोई किताब जीत लेते हैं तो वह अपने बाल को कटवा लेते हैं। धोनी सा नंबर को काफी लकी मानते हैं क्योंकि 7 तारीख को उनका बर्थडे है और जैसी नंबर भी 7 है।
रसल (Rossal) के आगे कोई बॉलर टिकता नहीं है लेकिन एक बार की आईपीएल में जब वह रन नहीं बन पा रहे थे तब वह अलग-अलग रंग के जूते पहन कर आए थे अब हैरान कर देने वाली बात यह है कि उसे सीजन मैं रसाल ने धमाकेदार परफॉर्मेंस किया था।
सौरव गांगुली (Sourabh Ganguly) के बारे में भी कहा जाता है कि जब उनकी टीम अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही थी तो अपने गुरु के द्वारा दिए गए लाल रुमाल को पॉकेट में रखते थे।
अब जाते-जाते बात करते हैं क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के बारे में, जब भी सचिन बैटिंग करने के लिए उतरते थे तो वह सबसे पहले बाएं पैर का पैड पहनते थे उनका यह मानना था कि ऐसा करने से उनका परफॉर्मेंस काफी बेहतर होता है।