इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के फाउंडर एलन मस्क (Elon Musk) इस महीने के अंत में भारत आ रहे हैं, वह पहली बार भारत आ रहे हैं। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात करेंगे ,उन्होंने सोशल मीडिया (Social media)पोस्ट कर खुद इसकी जानकारी दी। मस्क ने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने को लेकर आज आसंवित हो । मस्क का यह दौर बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है वह अपनी दो कंपनियां टेस्ला और स्टर्लिंग का काम भारत में शुरू करना चाहते हैं। टेस्ला इलेक्ट्रिक कारें बनाती है और स्टर्लिंग सैटलाइट इंटरनेट कंपनी है। उम्मीद है कि मस्क भारत में दो से तीन बिलियन डॉलर के इन्वेस्टमेंट का ऐलान कर सकते हैं। इस आर्टिकल में जानेंगे कि एलन मस्क भारत में निवेश करने के लिए इतनी उतावली क्यों हैं।
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भारतीय को भी है टेस्ला का इंतजार
भारतीय ग्राहक बेसब्री से टेस्ला कर का इंतजार कर रहे हैं, जाहिर है एलन मस्क भी भारत में टेस्ला लाने को बेताब हैं। एलन मस्क की नजर बहुत समय से भारतीय बाजार पर थी, एलन मस्क ने सबसे पहले साल 2019 की शुरुआत में ही भारत में इन्वेस्टमेंट की दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन आयरलैंड को हाय इंपोर्ट टैक्स को लेकर आपत्ति थी ।भारत में इवी पर इंपोर्ट टैक्स 100% था मस्क इसमें रियायत चाहते थे लेकिन भारत सरकार का साफ कहना था कि अगर टेस्ला भारत में कम से कम 500 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट करें और मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाए तो रियायत के बारे में सोचा जा सकता है। भारत सरकार ने एव पॉलिसी को मंजूरी दे दी टैक्स 100 से घटकर 15 फ़ीसदी कर दिया और इसे मस्क का भारत आने का रास्ता साफ हो गया। पिछले साल जून में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रापर गए थे ,तो वहां एलन मस्क ने उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद जुलाई में टेस्ला कंपनी की तरफ से कहा गया कि वह 24000 की कीमत वाली ईवी का उत्पादन करने के लिए भारत में कारखाना बनाने में रुचि रखते हैं, फिर यह पक्का हो गया कि टेस्ला भारत में प्लांट तैयार करने जा रही है ।लेकिन भारत में कारोबार शुरू करने के लिए टेस्ला को एक लोकल पार्टनर की तलाश थी और फिर रिलायंस का नाम सामने आया।
रिलायंस और टेस्ला करेंगे ज्वाइंट वेंचर
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि टेस्ला और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड एक ज्वाइंट वेंचर पर विचार कर रहे हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो दोनों कंपनियां संयुक्त रूप से भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना पर काम कर सकती है। प्लांट के लिए संभावित जगहों में गुजरात और महाराष्ट्र के नाम थे लेकिन महाराष्ट्र सबसे पसंदीदा जगह बताई जा रही है।भारत में टेस्ला के नए प्लांट के लिए जगह देखने टेस्ला के कुछ अधिकारी भारत आने वाले थे लेकिन अब एलन मस्क खुद भारत आ रहे हैं। इस प्लांट के लिए लगभग दो बिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान हो सकता है।
सब जानते हैं कि एलन मस्क को भारत में दिलचस्पी क्यों है ? दरअसल टेस्ला के भारत के बाजार में दिलचस्पी दिखाने की एक बड़ी वजह यह है कि अमेरिका और चीन में टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री अब घट रही है टेस्ला की सेल में गिरावट दर्ज की गई है ।सालाना कमाई भी पिछले 2 साल से घटी है। इस साल की पहली तिमाही में टेस्ला की गाड़ियों की बिक्री में 8% की गिरावट आई है जिससे एलन मस्क काफी परेशान है क्योंकि अमेरिका और चीन बहुत बड़े बाजार है एक हैरान करने वाली बात यह है कि अमेरिका जापान और दक्षिण कोरिया जैसे विकसित देश इलेक्ट्रिक कारों को अपने में पूरी दुनिया से पीछे चल रहे हैं।वहां लोग अब भी पेट्रोल और डीजल वाली गाड़ियां ही चलाना पसंद करते हैं ।टीवीएस की संख्या अमेरिका में बहुत कम है। टेस्ला के भारत में दिलचस्पी इसलिए भी है क्योंकि यहां इलेक्ट्रिक व्हीकल का बाजार तेजी से बढ़ रहा है पिछले साल भारत में कारों के बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी बढ़कर 6.8% हो गई, यह तब है जब दुनिया के केवल 32 देश में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी 5% से ज्यादा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार में जब भी कोई नई टेक्नोलॉजी आती है और उसका इस्तेमाल करने वालों की संख्या 5% या उससे ज्यादा हो तो यह समझ लेना चाहिए कि अब वहां के लोग इस बदलाव को अपना रहे हैं और वहां बदलाव तेजी से आएगा। एलन मस्क इसी बदलाव का फायदा उठाना चाहते हैं।
टेस्ला के भारत आने से यहां क्या बदल जाएगा
भारत में टाटा एमजी मोटर्स और महिंद्रा मुख्य तौर पर इलेक्ट्रिक कार कंपनियां है। पैसेंजर व्हीकल सेल में ईवी का सेगमेंट दो फ़ीसदी ही है। भारत अपने मैन्युफैक्चरिंग मार्केट को मजबूत करना चाहता है ,टेस्ला यूनिट लगता है टू मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को पंख लगेंगे ।टेस्ला भारत में मॉडल 2 की कार बनाएगा इसकी कीमत 25 लख रुपए के करीब हो सकती है। भारत में पहले से ही कारें बना रही कंपनियों के लिए कंपटीशन तो बढ़ेगा लेकिन लोगों को ज्यादा ऑप्शन मिलेंगे तारों की क्वालिटी बेहतर होगी और कीमतें कम होगी।