जैसे ही बिहार की नाम आती है लोगों के मन में ख्याल आता है कि बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है। बिहार के इतिहास उठाकर देखा जाए तो बिहार की राजधानी पटना कभी सबसे समृद्ध राजधानी हुआ करती थी वही आज सबसे गरीब राज्य की राजधानी बन गई है। कभी विश्व भर के लोगों के लिए 800 वर्षों तक शिक्षा के केंद्र रही बिहार आज भारत के सबसे कम साक्षरता वाली राज्य बन गई है। अब सवाल यह आता है कि आखिर क्यों बिहार की स्थिति ऐसी? इस आर्टिकल में इन विषयों पर चर्चा की गई है अतः आप इसे जरूर पढ़ें।
बिहार भारत का एक ऐतिहासिक राज्य है जिसका इतिहास भारत जितना प्राचीन है। बिहार को प्राचीन काल में मगध कहा जाता था क्योंकि यह मगध साम्राज्य का हिस्सा था। प्राचीन समय में बिहार मगध के नाम से जाना जाता था। बिहार का नाम बिहार बौद्ध विहार के नाम पर विहार पड़ा था तथा बाद में यह बिहार बन गया। बिहार जनसंख्या की दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है जो भारत के उत्तर पूर्व के मध्य भाग में स्थित है।
बिहार के पिछड़ा राज्य होने का ऐतिहासिक कारण!
बिहार का इतिहास इतना गहरा है तो फिर बिहार इतना पिछड़ा क्यों? इस बात से मुकरा नहीं जा सकता की बिहार के पिछड़ा होने की मुख्य वजह ब्रिटिश शासन है। बिहार गरीब तब हुआ जब अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा करना शुरू किया और यहां से टैक्स वसूलने लगे। बात 1790 ई की है लॉर्ड कार्नवालिस ने बिहार के बड़े क्षेत्र को देख यहां पर टैक्स वसूली के लिए मुगलों द्वारा बनाए गए जमींदारी व्यवस्था को अपने अनुसार बदलकर लागू कर दिया। मुगलों द्वारा स्थापित जमींदारी व्यवस्था में जितना मजदूरों को शोषित नहीं किया जाता था उतना ब्रिटिशों द्वारा किया जाने लगा। 1793 ईस्वी में जमींदारी व्यवस्था को अस्थाई बंदोबस्त में बदल दिया गया। इसमें किसानों को कूल उपज 89% हिस्सा टैक्स के रूप में देना पड़ता था। प्रारंभ में इसमें ब्रिटिशों को बहुत लाभ हुआ क्योंकि बिहार की भूमि पर उपज बहुत ही उन्नत ढंग से हुई। इसके बाद अंग्रेजों ने इस व्यवस्था को उत्तर भारत के काफी हिस्सों में लागू कर दिया एक ओर यह व्यवस्था ब्रिटिशों को लाभ पहुंचाई तो दूसरी ओर यह मजदूर के लिए काफी नुकसानदेह साबित हुई क्योंकि हर समय उपज अच्छी हो यह संभव नहीं है।
इस प्रकार किसान को अपने जमीन से हाथ धोना पड़ा क्योंकि अंग्रेजों से ठीका पर जिसने जमीन लिया था वह मजदूरों को लोन देने लगा इस प्रकार व साहूकार बन गया। लोन से पैसा वसूल कर वह अंग्रेजों को देने लगा ऐसी स्थिति में मजदूरों को अपने जमीन से हाथ धोना पड़ा। किसान की उपज अच्छी नहीं होती जिस वजह से उसे अपने जमीन से हाथ धोना पड़ता और टैक्स देने पर उपज नहीं होती जिस वजह से बंधुआ मजदूर की तरह उन्हें काम करना पड़ता। बिहार में ऐसे मजदूरों की जनसंख्या बढ़ती गई बिहार के साथ वे सभी राज्य जहां स्थाई बंदोबस्त व्यवस्था लागू की गई थी वहां की स्थिति भी बिहार की तरह ही हो गई।
पहले बिहार बंगाल प्रोविंस का हिस्सा हुआ करती थी लेकिन रूल ऐसा था कि सरकारी नौकरी पर प्राथमिकता बंगाली लोग को दी जाती थी। एवं बड़े प्रशासनिक व्यवस्था पर भी बंगाली लोग ही बैठे हुए थे ब्रिटिश हुकूमत की यही लापरवाही की वजह से बिहार पीछे होता गया।
बिहार के पिछड़े राज्य होने का आधुनिक कारण!
बिहार में बढ़ती जनसंख्या की वजह से भी बिहार अन्य राज्यों की वजह से पिछड़ा राज्य है।
इसके अलावा बिहार में हर साल आने वाले बाढ़ से बिहार को काफी क्षति होती है।
सीमित कृषि भूमि होने की वजह से बिहार में उपज कम हो रहा है।
यहां उद्योग के विकास नहीं हो पाई है जिस वजह से बिहार की बहुत सारी जनसंख्या पलायन कर रही है।