टिहरी गढ़वाल (Tehri garhwal) क्यों नाम पड़ा ?
टिहरी गढ़वाल (Tehri garhwal) भारत के उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य का एक प्रमुख जिला है। यह जिला पर्वतों के चारों ओर से घिरा हुआ एक बहुत ही सुंदर स्थान है प्रतिवर्ष यहां पर बड़ी मात्रा में पर्यटक आते हैं और यहां के सुंदर वादियों में मग्न हो जाते हैं।
टिहरी गढ़वाल (Tehri garhwal) समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
टिहरी गढ़वाल (Tehri garhwal) का पिन कोड क्या है ?
टिहरी गढ़वाल (Tehri garhwal) का पिन कोड जिप कोड या फिर पोस्टल कोड 249175 है।
टिहरी गढ़वाल (Tehri garhwal) क्यों नाम रखा गया?
इस जिले का नाम दो शब्दों को मिलाकर रखा गया है जिसमें टिहरी त्रिहरि नाम से जाना जाता था और इसका अर्थ होता है तीन तरह के पाप को धोने वाला और दूसरा शब्द है गढ़वाल जिसमें गढ़ का अर्थ किला होता है। कहां जाता है कि पहले गढ़वाल काफी छोटे-छोटे क्षेत्र में बात हुआ था जिसे राजा राय ठाकुर ने एक कर दिया गढ़वाल का पुराना नाम गणेश प्रयाग माना जाता है।
टिहरी गढ़वाल (Tehri garhwal) का पर्यटन स्थल
- श्री बूढ़ा केदारनाथ मंदिर (shree Budha kedar mandir)– श्री बुध केदारनाथ मंदिर का महत्व प्राचीन काल से चला आ रहा है जिसमें पुराने में इसका अधिक महत्व भी बताया गया है। हमारे भारत में अनेक ऐसी स्थान है जहां पर आदमी जाकर अपने आप को खो जाता है और वह परम सत्ता में डूब जाता है और एक अलग दुनिया का अनुभव करता है कुछ ऐसा ही स्थान में इसलिए बूढ़ा केदारनाथ मंदिर है जहां जाने के बाद लोग खो जाते हैं।
- दल्ला आरगढ (Dalla aargarh)- डाला अलीगढ़ एक अत्यंत खूबसूरत गांव है जो घनसाली से करीब 15 किलोमीटर दूर पर स्थित है। इस गांव की विशेषता इसलिए है क्योंकि यहां एक उत्तराखंड स्वतंत्रता सेनानी का जन्म हुआ था उनका नाम स्वर्गीय श्री तेपन सिंह नेगी था। यहां पर इष्ट देव नाग राजा का एक बहुत विशाल मंदिर है जिसमें मुख नागराज की पूजा होती है और लोग इसे लिटिल मसूरी भी कहते हैं।
- देवप्रयाग (devprayag) – देवप्रयाग भारत के धार्मिक स्थलों में से एक है देवप्रयाग का प्रसिद्ध होने का मुख्य वजह यह है कि यहां पर अलकनंदा और भागीरथी का संगम होता है जिससे गंगा नदी निकलती है। देवप्रयाग को गीत वंश के जटायु के तत्व भूमि भी कहा जाता है कहा जाता है कि इस स्थान पर कीनन का वास हुआ करता था जिसे भगवान राम ने शाप मुक्त किया यह भी कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने शाप दिया था जिसके चलते मकड़ी बन गए थे।
- कैम्पटी फॉल (Kempty Falls) – कैंप पट्टी फॉल मसूरी में स्थित है जो कि टिहरी से 15 किलोमीटर दूर है इसे हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है यह यमुनोत्री जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित है। सूरत वीडियो में स्थिति यह जलप्रपात पर्यटकों का मन मोह लेता है और यहां पर देश से लेकर अनेक विदेशी हजारों की संख्या में देखने आते हैं।
- चंबा (Chamba) –चंबा समुद्र तल से 1676 मीटर की ऊंचाई पर है जो की मसूरी से 60 किलोमीटर दूर और वही नरेंद्र नगर से 48 किलोमीटर दूर है यह हिमालय पर्वत के ऊपर बर्फ से ढका हुआ भागीरथी घाटी भी देखा जा सकता है जिसके अद्भुत नजारा से कोई भी रोमांचित हो उठेगा। चंबा मुख्य रूप से सब के लिए प्रसिद्ध है। चंबा में काफी स्वादिष्ट शिव पाए जाते हैं यह देवप्रयाग से 22 किलोमीटर दूर है।
- नागटिब्बा (nagtibba)- नाग टिब्बा समुद्र तल से 340 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह मसूरी से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर है नाग टिब्बा मुख्य रूप से यमुनोत्री जाने के मुख्य मार्ग पर स्थित है यहां से हिमालय की खूबसूरत वादियों का नजारा देखने लायक होता हैं।
टिहरी गढ़वाल का अन्य पर्यटक स्थल – टिहरी गढ़वाल में अनेकों पर्यटक स्थल है जैसे सेम मुखेम, धनलौटी,नगेंद्र नगर इत्यादि।
टिहरी गढ़वाल (Tehri garhwal) कैसे जाएं ?
टिहरी गढ़वाल जाने के लिए
रोडवे – अगर आप टिहरी गढ़वाल जाना चाहते हैं तो कई महत्वपूर्ण स्थान है जैसे देहरादून पौरी ऋषिकेश हरिद्वार मसूरी उत्तरकाशी यह सभी शहरों से मुख्य मार्ग जुड़ा हुआ है और आप बस या टैक्सी के माध्यम से जा सकते हैं या घूम सकते हैं।
रेलमार्ग – टिहरी गढ़वाल के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है यहां से टिहरी गढ़वाल की दूरी 76 किलोमीटर है।
हवाई अड्डा – टिहरी गढ़वाल के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा का नाम जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो की यहां से 93 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।