सोशल मीडिया पर एक खबर बहुत ही तेजी से वायरल हो रहा है लोगों का कहना है कि दलितों को राम मंदिर के भीतर जाने की अनुमति नहीं है। मंदिर में जाने की अनुमति न होने के कारण दलित समुदाय के लोग बाहर से ही दर्शन करके वापस आ जाते हैं। दलितों से काम तो करवाया जाता है लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं है वह अपना काम कर बाहर से ही दर्शन कर वापस आ जाते हैं।
यह भी पढ़े :
- अक्टूबर माह में आने वाले सभी त्योहारों की सूची
- Online Pooja Items: ऑनलाइन पूजा सामग्री कैसे मंगवाए |Online Puja Store |Puja Items |Nandi Emart
- September festival
- नया ट्रैफिक रूल, अब बिना हेलमेट वाले लोगों को नहीं दी जाएगी ग्रीन सिग्नल
- सरकारी ऑफीसर बनते ही पत्नी ने पति को दिया धोखा
धोबी चमार कहकर करते हैं भेदभाव
दरअसल यही खबर 2022 में तेजी से फैली थी कि दलितों को राम मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है लेकिन कुछ दिनों बाद ही बता दिया गया था कि राम मंदिर पूरे भारतवासियों के लिए बना है यहां पर किसी से कोई भेदभाव नहीं की जाएगी। लेकिन एक बार फिर से यह खबर चर्चा में है कि दलितों के साथ अभी भी वहां दुर्व्यवहार किया जा रहा है उन्हें मंदिर में जाने से रोका जा रहा है।
कुछ लोगों का कहना है कि वे दलित समुदाय से हैं इसलिए उन्हें मंदिर में जाकर रामलाल के दर्शन की अनुमति नहीं है। लोगों ने बताया कि उन्हें चमार, भंगी, भसोड़, धोबी बोलकर उनसे भेदभाव की जाती है।
दलितों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति क्यों नहीं ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि दलित को भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए। दलितों को मंदिर में पूजा करने से रोका जाना सामाजिक उत्पीड़न है इससे समाज पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है ऐसा केवल भारत देश में ही है भारत के अलावा अन्य जगहों पर इस तरह की जातीय भेदभाव नहीं देखी जाती।
निष्कर्ष: यह खबर की पुष्टि उत्तम राज वेबसाइट नहीं करती। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।