अरविंद अकेला उर्फ कल्लू भारतीय अभिनेता है जो मुख्य रूप से भोजपुरी इंडस्ट्री में अभिनय एवं गायन करते हैं। इनका असली नाम अरविंद अकेला है लेकिन ज्यादातर लोग इन्हें कल्लू नाम से जानते हैं। अरविंद अकेला बचपन से ही सिंगर बनना चाहते थे और इन्होंने बचपन में ही गाना गाना शुरू कर दिया था क्योंकि इनके पिता एक लोक गायक थे इसलिए इनकी भी रुचि संगीत की दुनिया में बढ़ी। इन्होंने गाना गाना अपने पिता से सीखा है। यह अपने पिता के साथ छोटे-मोटे प्रोग्राम में गाना गाते थे एवं अपने स्कूल कॉलेज में होने वाले फंक्शन में भी भाग लेते थे। इनका पहला गाना झुरू झुरू निमिया गछिया थी आईए जानते हैं अरविंद अकेला उर्फ कल्लू के बारे में।
आरंभिक जीवन!
अरविंद अकेला उर्फ कल्लू का जन्म 26 जुलाई 1997 ई को बिहार के बक्सर जिले में एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम चुनमुन चौबे है जो गायक, निर्माता एवं निर्देशक हैं।
कल्लू बचपन से ही चाहते थे कि वे बड़े होकर सिंगर बने उन्होंने 9 साल की उम्र से ही गाना गाना शुरू कर दिया था। गाने के प्रति रुझान देखा उनके पिता ने अपने साथ उन्हें छोटे-मोटे प्रोग्राम में ले जाना शुरू किया जहां अरविंद अकेला उर्फ कल्लू को खूब पसंद किया गया। अरविंद ने कई गाने गाए लेकिन इनकी प्रसिद्धि मुर्गा बेचैन बाटे गाना से हुई।
करियर!
इन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2014 में मुर्गा बेचैन बाटे गाने से की, ये गाना बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध हुई थी जिसके बाद इन्हें भोजपुरी सिनेमा में गाना गाने का ऑफर मिलने लगा इन्होंने भोजपुरी इंडस्ट्री में बहुत सारे हिट गाने दिए हैं और आगे भी देंगे। गाने और अभिनय के साथ-साथ इन्हें डांस भी करना आता है। अरविंद अकेला अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देते हैं। यह पवन सिंह को अपना आइडल मानते हैं और उन्हीं के अंदाज में गाना गाना पसंद करते हैं।
कल्लू के हिट गाने!
मुर्गा बेचैन बाटे
झुरू झुरू निमिया गछिया
गवनवा कहिया ले जैवा
हुक राजा जी
जान लोगी क्या
निमिया के डाढ़ मईया
घर में से निकले
मैहर से सजनवा कंगनवा ले अहिआ
फिल्मी करियर की बात करें तो इन्होंने फिल्म में पहला कदम साल 2015 में “दिल भइल दीवाना” में रखा। इनका पहले ही फिल्म इतना अच्छा था कि वर्ष 2015 में ही इन्हें तीन फिल्में मिल गई इसके बाद इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और ये एक से बढ़कर एक हिट फिल्म देते आए हैं।
अरविंद अकेला कल्लू के हिट फिल्म!
दिल भइल दीवाना
बताशा चाचा
सजना मंगिया सजाई दा हमार
दिलदार सजना
हुकूमत
दीवानगी हद से
त्रिशूल
रंग
लैला तीन छैला