योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के 21वें एवं वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। इन्होंने यूपी के लगातार दो बार मुख्यमंत्री बन इतिहास रचा है क्योंकि यह यूपी में पहली बार हुआ है कि एक ही उम्मीदवार ने दो बार मुख्यमंत्री पद से जीत हासिल की हो। योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री के साथ साथ गोरखनाथ मंदिर के महंत , भारतीय हिंदू संत एवं हिंदी मैगजीन योगवाणी के चीफ एडिटर भी हैं।
आरंभिक जीवन एवं परिवार!
योगी आदित्यनाथ जी का जन्म 5 जून 1972 ई को उत्तराखंड अब उत्तर प्रदेश के पौड़ी गढ़वाल जिले में राजपूत परिवार में हुआ था। इनका मूल नाम अजय सिंह बिष्ट था लेकिन जब से इन्होंने सन्यासी जीवन की शुरूआत कि तब से इन्हें योगी आदित्यनाथ के नाम से जाना जाने लगा। इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट एवं माता का नाम सावित्री देवी है। 20 अप्रैल 2020 को उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। इनके तीन बहन एवं तीन भाई हैं।
योगी आदित्यनाथ शिक्षा!
योगी आदित्यनाथ ने अपनी आरंभिक शिक्षा टिहरी गजा के स्थानीय स्कूल से प्राप्त की। आगे की पढ़ाई हेतु इन्होंने श्री भारत मंदिर इण्टर कॉलेज में दाखिला लिया एवं उच्च शिक्षा हेतु श्रीनगर के हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। योगी आदित्यनाथ मैथमेटिक्स से वहां बीए सी की पढ़ाई की। बैचलर की डिग्री प्राप्त करने के बाद योगी आदित्यनाथ जी ने एमएससी की पढ़ाई के लिए दाखिला ले लिया था लेकिन उस समय राम मंदिर के लिए हो रहे आंदोलन की वजह से इनका ध्यान पढ़ाई से हट गया और वे आंदोलन में उतर गए।
योगी आदित्यनाथ राजनीतिक जीवन!
योगी आदित्यनाथ जी को राजनीति में इंटरेस्ट कॉलेज के दिनों से ही थ। इन्होंने कॉलेज के दिनों से ही एवीबीपी ज्वाइन किया था उस समय एबीवीपी के उभरते लीडर में से इनका नाम भी लोकप्रिय हो गया। योगी आदित्यनाथ एबीवीपी से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन इन्हें टिकट नहीं मिला जिस वजह से इन्होंने अपनी एक अलग पार्टी बनाई लेकिन वहां इन्हें हार हासिल हुई। योगी आदित्यनाथ जी राम मंदिर निर्माण के लिए पहले से ही पक्ष में थे और जब यह कॉलेज में पढ़ाई करते थे तभी राम मंदिर मूवमेंट तेज हो गई जिस वजह से इन्होंने पढ़ाई छोड़ राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में भाग लिया। इस दौरान उनकी मुलाकात महंत अवैद्यनाथ जी से हुई जिन्हें वह अपना गुरु मानते हैं। महंत अवैद्यनाथ जी उस समय गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी थे। योगी आदित्यनाथ जी ने अवैद्यनाथ जी से मिलकर इतने प्रभावित हुए की संपूर्ण जीवन उनके शिष्य बनाकर बिताने का निर्णय ले लिया। मात्र 21 साल की उम्र में ही इन्होंने सांसारिक जीवन छोड़ सन्यास ले लिया। योगी जी के इस विचार से अवैद्यनाथ जी भी उनसे प्रभावित हो उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और उनके आश्रम की संपूर्ण जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ जी पर सौंप दिया।
ऐसे की ऑफिशियल पॉलिटिक्स कैरियर की शुरुआत!
अवैद्यनाथ जी प्रधान पुजारी होने के साथ-साथ एक पॉलिटिशियन भी थे इसलिए उन्होंने योगी आदित्यनाथ को भी पॉलिटिक्स से जोड़ा। अवैद्यनाथ जी बीजेपी से गोरखपुर से चार बार सांसद रह चुके थे। साल 1998 में उन्होंने योगी जी को गोरखपुर से लोकसभा के चुनाव लड़ने को कहा योगी जी भला अपने गुरु की बात कैसे टालते इस प्रकार उन्होंने अपने गुरु जी की बात मान गोरखपुर से चुनाव लड़ने को तैयार हो गए। इस प्रकार उनकी ऑफिशियल पॉलिटिक्स कैरियर की शुरुआत हुई हालांकि उन्हें पॉलिटिक्स में पहले से ही रुचि थी और वह इस क्षेत्र में कार्य भी कर चुके थे।
योगी आदित्यनाथ जी ने पहले ही चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की इसके साथ ही उन्होंने 26 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के सांसद बनने का रिकॉर्ड बनाया। योगी आदित्यनाथ जी ने साल 1998 से 2017 तक लगातार पांच बार गोरखपुर से सांसद पद से जीत हासिल किए।
योगी आदित्यनाथ की पॉलीटिकल करियर का टर्निंग पॉइंट तब हुआ जब साल 2017 में विधानसभा की चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई और वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने वर्तमान में भी योगी आदित्यनाथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।
गायों से बेहद प्रेम करते हैं योगी जी!
योगी आदित्यनाथ सदा जीवन जीना पसंद करते हैं। वह गाय , बिल्ली एवं कुत्ता जैसे जानवरों से बहुत प्रेम करते हैं। योगी आदित्यनाथ अपने काम को पूरा करने के बाद गौशाला जाकर गायों की सेवा करते हैं। योगी जी नाश्ता करने से पूर्व गायों को चार देते हैं।