बोधगया (Bodhgaya) बौद्ध धर्म के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान है, यही वह स्थान है जहां महात्मा बुद्ध (Mahatma buddh) को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, यह स्थान बिहार (Bihar) के बोधगया (Bodhgaya) में स्थित है, प्रत्येक वर्ष बोधगया विश्व भर के बौद्ध अनुयायियों को आकर्षित करता है. यदि आपका धार्मिक आदर्श बौद्ध धर्म से जुड़ा है तो बोधगया (Bodhgaya) वह पवित्र स्थान है जहां आप अपनी आत्मा की खोज में समाहित हो सकते हैं. बोधगया मंदिर किसने बनवाया था, इतिहास महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) का निर्माण मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक द्वारा 3वीं शताब्दी ईसा पूर्व में करवाया गया था, बताया जाता है कि बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) बौद्ध धर्म के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है. महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) निरंजना नदी (Niranjana River) के तट पर मौजूद है, महात्मा बुद्ध (Mahatma buddh) को ज्ञान की प्राप्ति बोधगया (Bodhgaya) के पीपल वृक्ष के नीचे 2630 ईसा पूर्व में हुई थी. यह भी पढ़े : भारत का मिनी जापान नोएडा (NOIDA) बोधगया क्यों प्रसिद्ध है बोधगया (Bodhgaya) बौद्ध धर्म के लिए बेहद पवित्र स्थान माना जाता है, प्रत्येक वर्ष दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां भ्रमण हेतु आते हैं, महात्मा बुद्ध (Mahatma buddh) ने ज्ञान की प्राप्ति बोधगया में ही की थी इसलिए यह स्थान का बड़ा महत्व है, बोधगया में बना महाबोधि मंदिर यहां का प्रमुख आकर्षण का केंद्र है, यह मंदिर बिहार (Bihar) के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. बोधगया का पुराना नाम क्या है महात्मा बुद्ध (Mahatma buddh) जब इस क्षेत्र में रहते थे तो उस दौरान इस क्षेत्र को उरूवेला (Uruvela) कहा जाता था, वर्तमान समय में यह स्थान बोधगया (Bodhgaya) नाम से प्रसिद्ध है, यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान है. बोधगया में कौन सा मंदिर है बोधगया (Bodhgaya) की सबसे प्रमुख मंदिर महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) है, इस मंदिर का निर्माण मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक (Samrat Ashok) ने करवाया था, इसके अलावा यहां पर कई ऐसे मंदिर हैं जो आकर्षण के केंद्र माने जाते हैं. बोध गया में घूमने की जगह महाबोधि मंदिर बोधगया की सबसे प्रमुख मंदिर महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) है इस मंदिर का निर्माण मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक (Samrat Ashok) ने करवाया था, इस मंदिर को यूनेस्को (UNESCO) ने अपने धरोहर में शामिल किया है. बोधि वृक्ष बोधि वृक्ष वही वृक्ष है जिसके नीचे महात्मा बुद्ध (Mahatma buddh) को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी इसलिए इसे बोधि वृक्ष के नाम से जाना जाता है, बता दूं कि यह वृक्ष पीपल की वृक्ष है, बताया जाता है कि इस पीपल के वृक्ष के नीचे महात्मा बुद्ध (Mahatma buddh) ने 500 वर्षों तक घोर तपस्या की थी. बराबर की गुफाएं बराबर की गुफाएं बोधगया (Bodhgaya) से 42 किलोमीटर दूरी पर मौजूद है, इस गुफा के भीतर चार और गुफा मौजूद है, इस गुफा का नाम स्थानीय नाम बराबर (Barabar) के नाम पर रखा गया है. सुजाता गढ़ फल्गु नदी (Falgu river) के पार मौजूद सुजाता गढ़ (Sujata Garh) बौद्ध धर्म का प्राचीनतम स्तूपों में से एक है, यह बोधगया के प्रमुख आकर्षण केंद्रों में से एक है, सुजाता गढ़ (Sujata Garh) को वह स्थान बताया जाता है जहां महात्मा बुद्ध ने आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए कठिन उपवास किया था, जब महात्मा बुद्ध (Mahatma buddh) कठिन उपवास में थे तो उनकी उस स्थिति को देखकर सुजाता नाम की एक स्त्री ने उन्हें खीर का प्याला दिया था जिसे महात्मा बुद्ध (Mahatma buddh) ने ग्रहण किया था, उसी स्त्री के नाम पर उस स्थान का नाम सुजाता गढ़ (Sujata Garh) रखा गया. इंडोसन निप्पॉन जापानी मंदिर यह मंदिर जापानी मंदिर की तरफ बनाया गया है, इस मंदिर का निर्माण 1972 ईस्वी में करवाया गया था इस मंदिर में भगवान बुद्ध (Bhagwan buddha) के जीवन को प्रदर्शित करने वाली कई प्रकार की जापानी पेंटिंग की गई है.
क्या सचमुच स्वर्ण मंदिर में लव और कुश किए थे रामायण पाठ
अमृतसर (Amritsar) का स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) सिखों की आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है साथ ही साथ यह अनेकों पर्यटकों की आकर्षण का केंद्र भी है, स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) की खूबसूरती की चर्चा देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी होती है, स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है चलिए जानते हैं स्वर्ण मंदिर से जुड़ी खास बातें. स्वर्ण मंदिर किसने बनवाया, इतिहास बताया जाता है की रामायण काल में प्रभु श्री राम के दोनों पुत्र लव और कुश ने यहां आकर रामायण की पाठ की थी, स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) को गुरु अर्जन साहिब (Guru Arjan Sahib) के नाम पर बनवाया गया था. बताया जाता है कि सिख गुरु गुरु रामदास (Guru Ram Das) जी ने 1577 में मंदिर की नींव रखी थी और सिख धर्म के पांचवे गुरु गुरु अर्जन (Guru Arjan) ने मंदिर की स्थापना की थी, मंदिर का निर्माण कार्य 1581 में हुआ था मंदिर के पहले संस्करण पूरे होने में 8 साल लगे थे. सीखों और मुसलमानों के लंबे विवाद के बाद 1962 में इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था इसके बाद 1974 में फिर से मंदिर को बनवाया गया, 1830 में मंदिर को सोने से बनवाने के लिए रणजीत सिंह ने सोने दान किए थे. यह भी पढ़े : हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक जिसे ‘बनारस’ और ‘काशी’ कहते हैं स्वर्ण मंदिर कहां स्थित है स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) भारत के पंजाब (Punjab) राज्य के अमृतसर (Amritsar) में स्थित है, मंदिर के चारों ओर सरोवर है जिसे अमृत सरोवर के नाम से जाना जाता है, बाबा हरमंदिर साहिब के प्रार्थना से पूर्व सरोवर में नहाया जाता है. स्वर्ण मंदिर में कौन भगवान रहते हैं स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) मुख्य रूप से सिख धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है, यहां बाबा हरमंदिर साहिब के समक्ष लोग अरदास लगाने आते हैं सिख धर्म के अलावा अन्य धर्म के लोग भी स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में सर झुकाते हैं. स्वर्ण मंदिर में कितना सोना है स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) नाम से ही पता चलता है कि इसे स्वर्ण मंदिर क्यों कहा जाता है यह पूरा मंदिर सोने से बना है, इस मंदिर में 750 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है.
रहस्यों से भरी एक झील, जहां है शिव का घर, झील मानसरोवर
मानसरोवर झील (Lake Mansarovar) को हिंदू एवं बौद्ध धर्म में पवित्र स्थान माना गया है इसके साथ ही जैन धर्म के लिए भी यह स्थान महत्वपूर्ण माना जाता है बताया जाता है कि बौद्ध धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (Rishabhdev) की निर्वाण प्राप्ति यहीं पर हुई थी, यह बहुत ही पुराना झील है बताया जाता है कि यह झील सर्वप्रथम ब्रह्मा देव के मन में उत्पन्न हुई थी. मानसरोवर झील कहां स्थित है मानसरोवर झील (Lake Mansarovar) तिब्बत (Tibet) में स्थित है, बता दें कि यह चीन के कब्जे वाले तिब्बत (Tibet) में मौजूद है, माउंट कैलाश के दक्षिण में मानसरोवर और गुरला मंदत की चोटियों के दक्षिण के आगे है. मानसरोवर झील का इतिहास मानसरोवर (Mansarovar) का शाब्दिक अर्थ मन का सरोवर होता है, बताया जाता है कि मानसरोवर (Mansarovar) की उत्पत्ति का विचार सबसे पहले ब्रह्मा देव के मन में आई थी हिंदू कथाओं के अनुसार मानसरोवर झील (Lake Mansarovar) के पास ही कुबेर नगरी थी. यह भी पढ़े : दिल्ली एयरपोर्ट पर हुआ बड़ा हादसा, दिल्ली एयरपोर्ट की गिरी छत, एक व्यक्ति की मौत छह घायल मानसरोवर झील क्यों प्रसिद्ध है प्रत्येक वर्ष हजारों लोग मानसरोवर (Mansarovar) की यात्रा करते हैं हिंदू समुदाय के लोगों के साथ-साथ बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म के लोग भी इस यात्रा में शामिल होते हैं, मानसरोवर झील (Lake Mansarovar) के निकट भगवान शिव एवं देवी पार्वती कि वास है इसलिए मानसरोवर की हिंदू धर्म में बड़ी मान्यता है, यह हिंदू धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है. मानसरोवर से निकलने वाली नदियां
दिल्ली एयरपोर्ट पर हुआ बड़ा हादसा, दिल्ली एयरपोर्ट की गिरी छत, एक व्यक्ति की मौत छह घायल
दिल्ली एयरपोर्ट की गिरी छत वजह बताया जा रहा भारी बारिश, दरअसल कल रात से दिल्ली में भारी बारिश हो रही है, इसके साथ ही तेज हवाएं चल रही है जिस वजह से दिल्ली की इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) के छत की एक हिस्सा गिर गई है. इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने (Ram Mohan Naidu) वहाँ पहुंचकर वहाँ की जयजा ली. टर्मिनल 1 की गिरी थी छत बता दे की इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) की टर्मिनल -1 (terminal -1) की छत गिरी है, दरअसल टर्मिनल 1 पर फ्लाइट के लिए पार्किंग एरिया में गाड़ी लगी थी जिस दौरान टर्मिनल 1 की छत गिरी जिसके नीचे गाड़ियां दब गई, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की DCP उषा रंगनानी के अनुसार इस बड़ी हादसा में चार गाड़ियां छत से दबी. यह भी पढ़े : अयोध्या मंदिर से पहले की जाती है हनुमानगढ़ी मंदिर की दर्शन, आख़िर क्यों आठ लोग गंभीर रूप से घायल इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) के छत गिरने से छत के नीचे लगी गाड़ियां दब गई, यह घटना सुबह 5:00 बजे की है इस बड़े हादसे में कैब ड्राइवर की मौत हो गई वहीं आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. दिल्ली फायर सर्विस, पुलिस, CISF और NDRF की टीमें मौके पर राहत-बचाव में जुटी हैं, वहीं घायलों का इलाज दिल्ली के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में की जा रही है. घटना के बाद केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू (Ram Mohan Naidu) अस्पताल पहुंचकर मरीजों से मुलाकात किए इसके साथ ही मृतक के परिवार को 20 लाख रुपए एवं घायलों के परिवार को तीन-तीन लाख रुपए की मुआवजा देने की बात कही.
अयोध्या मंदिर से पहले की जाती है हनुमानगढ़ी मंदिर की दर्शन, आख़िर क्यों
हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) अयोध्या (Ayodhya) की प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, राम मंदिर के अलावा हनुमानगढ़ी मंदिर (Hanumangarhi Temple) भी खूब प्रसिद्ध है अगर आप अयोध्या रामलला के दर्शन करने जाते हैं तो आपको हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) जाकर हनुमान जी की दर्शन अवश्य करनी चाहिए, बता दें कि राम मंदिर से कुछ ही दूरी पर हनुमानगढ़ी मंदिर (Hanumangarhi Temple) है, अगर आप हनुमानगढ़ी मंदिर जा रहे हैं तो दर्शन से पूर्व आपको इन बातों को जान लेना बेहद जरूरी है. हनुमानगढ़ी का इतिहास ऐसा मान्यता है कि जब प्रभु श्री राम लंका से वापस आ रहे थे तो वे हनुमान जी को रहने के लिए यही स्थान दिए थे और हनुमान जी से कहे थे कि अयोध्या (Ayodhya) में आने वाले भक्त पहले तुम्हारा दर्शन करेंगे इसलिए राम मंदिर जाने से पूर्व हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) में जाकर हनुमान जी का दर्शन करना आवश्यक होता है. हनुमानगढ़ी कहाँ है हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) अयोध्या (Ayodhya) के सभी हनुमान मंदिरों से प्राचीन है, यह मंदिर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या नगर में स्थित है. यह भी पढ़े : झारखण्ड का सबसे ऊँचा पर्वत पारसनाथ जहां 20 तीर्थंकरों की हुई थी मोक्ष की प्राप्ति हनुमानगढ़ी क्यों प्रसिद्ध है हनुमानगढ़ी मंदिर (Hanumangarhi Temple) में हनुमान जी की माता अंजनी भी विराजमान हैं इस मंदिर में हनुमान जी अपनी माता अंजनी के गोद में बैठे हैं, बताया जाता है कि जब प्रभु श्री राम लंका से वापस आ रहे थे तो हनुमान जी को रहने के लिए यही स्थान दिए थे तब से हनुमान जी हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) में विराजमान हैं, इस मंदिर को 300 साल पहले स्थापित किया गया था. हनुमानगढ़ी में कितनी सीढ़ियां हैं हनुमानगढ़ी मंदिर (Hanumangarhi Temple) प्रांगण में पहुंचने के लिए भक्तगणों के लिए 76 सीढ़ियां बनवाई गई हैं, हनुमानगढ़ी मंदिर (Hanumangarhi Temple) में कई ऐसे निशान रखे गए हैं जिससे पता चलता है कि हनुमान जी यहां विराजमान हैं, जो भी भक्त यहां सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है.
झारखण्ड का सबसे ऊँचा पर्वत पारसनाथ जहां 20 तीर्थंकरों की हुई थी मोक्ष की प्राप्ति
पारसनाथ (Parasnath) जैन धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, यह झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह जिले (Giridih district) में मौजुद है, इस पर्वत की खूबसूरती की वजह से इसे गिरिडीह (Giridih) का हिमालय कहा जाता है, पारसनाथ जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ (Parshwanath) को समर्पित है, पारसनाथ में 20 तीर्थंकरों की मोक्ष की प्राप्ति हुई थी बता दे की उन 20 तीर्थंकरों के लिए यहां पर तुक बनी है. पारसनाथ कहां स्थित है पारसनाथ हिल (Parasnath Hill) झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले (Giridih district) में मौजूद है, यह पहाड़ी मधुबन के घने जंगलों से घिरी हुई है, बता दे की पारसनाथ (Parasnath) झारखंड (Jharkhand) की सबसे ऊंची चोटी है, पारसनाथ (Parasnath) जैन धर्म की प्रमुख तीर्थ स्थल है यहां प्रायः देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं. पारसनाथ की चढ़ाई कितनी है पारसनाथ (Parasnath) की ऊंचाई 1365 मीटर है, पारसनाथ (Parasnath) के मंदिर तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर की यात्रा तय करनी पड़ती है. यह भी पढ़े : Jharkhand Tourist Destinations : बेतला नेशनल पार्क (Betla National Park ) , सबसे खुबसूरत जंगल जहाँ आपको जरूर जाना चाहिए पारसनाथ में कितनी सीढ़ियां है पारसनाथ पहाड़ी (Parasnath Hills) पर लगभग 12000 सीढ़ियां बनवाई गई हैं, इसी मार्ग द्वारा पर्यटक पारसनाथ मंदिर (Parasnath Temple) जाकर जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ की दर्शन करते हैं. पारसनाथ क्यों प्रसिद्ध है पारसनाथ (Parasnath) में जैन धर्म के 20 तीर्थंकरों की मोक्ष की प्रति यही हुई थी, जैन धर्म के लिए पारसनाथ हिल (Parasnath Hill) बेहद महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है, बताया जाता है कि पारसनाथ मंदिर जैन धर्म की सबसे पुरानी मंदिरों में से एक है.
अफगानिस्तान सेमी फाइनल में , टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड
भारत के साथ अफगानिस्तान भी सेमीफाइनल में अपना जगह निश्चित कर लिया वहीं बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया सेमी फाइनल से आउट। अफगानिस्तान ने बांग्लादेश (Afghanistan vs Bangladesh) को 8 रन से सुपर 8 मुकाबले में सेमीफाइनल का द्वार खोल लिया वहीं ऑस्ट्रेलिया का द्वारा सेमीफाइनल के लिए बंद , हालाकि वर्ल्ड कप 2023 ऑस्ट्रेलिया अपने नाम किया था लेकिन T20 वर्ल्ड कप के लिए अब रास्ता हुआ बंद। अफगानिस्तान बड़ी शानदार पारी खेलते हुए बांग्लादेश को हराया इससे पहले ऑस्ट्रेलिया टीम को हराया हालांकि अब ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश के लिए सेमीफाइनल में पहुंचना नामुमकिन हो चुका है। दोनों टीमों की प्लेइंग 11 अफगानिस्तान (Afghanistan Playing 11)) राशिद खान (Rashid Khan )(captain),इब्राहिम जादरान (Ibrahim Zadran), नूर अहमद (Noor Ahmed) , नवीन उल हक (Naveen Ul Haq), मोहम्मद नबी (Mohammad Nabi), अजमतूल्लाह उमरजई (Azmatullah Umarzai ) , रहमानुल्लाह गुरबाज (Rahmanullah Gurbaz) , करीम जनत(Karim Janat), फजलहक फारूकी (Fazalhaq Farooqui) , गुलबदीन नैब (Gulbadin Naib), नांगेयालिय खारोटे (Nangeyali Kharote). बांग्लादेश (Bangladesh Playing 11) : नजमुल हुसैन शांतो (कप्तान) (Nazmul Hussain Shanto )(Captain) , लिटन दास (Liton Das ), तंजीद हसन (tanjeed hassan) , तस्कीन अहमद (Taskin Ahmed) , तंजीम हसन साकिब (Tanzeem Hasan Saqib ), मुस्तफिजुर रहमान (Mustafizur Rahman) , शाकिब अल हसन(shakib al hassan) , तौहीद हृदय (tawheed heart) , सौम्य सरकार , रिशाद हुसैन (Rishad Hussain) , महमुदुल्लाह (Mahmudullah) .
सोनाक्षी की शादी को लेकर पिता ने जाहिर की खुशियां, जबकि भाई नहीं हुए शामिल
सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) और जहीर इकबाल (Zaheer Iqbal) शादी की बंधन में बंध चुके हैं, शादी के बाद सोनाक्षी सिन्हा के पिता का बयान आया है जो चर्चे में है, उन्होंने अपनी बेटी की शादी को लेकर कहा की सोनाक्षी सबसे ज्यादा जहीर के साथ खुश नजर आती है जबकि सोनाक्षी सिन्हा के दोनों भाई इस शादी में शामिल नहीं हुए. बेटी की शादी पर क्या बोले शत्रुघ्न सिन्हा कुछ दिनों से सोनाक्षी और जहीर की शादी की चर्चा जोरों पर थी अंततोगत्वा दोनों ने शादी रचा ली, लोगों का कहना था कि सोनाक्षी की शादी से उनके परिवार वाले खुश नहीं हैं जबकि सोनाक्षी के पिता शत्रुघ्न सिन्हा का बयान से पता चलता है कि सोनाक्षी के परिवार बेहद खुश हैं, सोनाक्षी की शादी को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) से पूछा गया कि वह क्या महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा की हर पिता इस पल की इंतजार करता है जब उसकी बेटी अपने पसंद के दूल्हे को सौंपी जाती है, सोनाक्षी सबसे ज्यादा जहीर के साथ खुश नजर आती है, दोनों की जोड़ी हमेशा सलामत रहे, इसके साथ ही उन्होंने अपनी शादी के दिनों को याद करते हुए कहा कि आज से 44 साल पहले मैंने भी एक खूबसूरत, सफल और टैलेंटेड लड़की पूनम सिन्हा से शादी की थी. यह भी पढ़ें : सोनाक्षी के शादी को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा का बड़ा बयान सोनाक्षी सिन्हा की शादी कब हुई सोनाक्षी और जहीर 23 जून 2024 को शादी के बंधन में बंधे, दोनों ने अपने-अपने भगवान को साक्षी मानकर इस शादी को निभाने का वादा किया, बता दे कि दोनों ने सिविल मैरिज की, कोर्ट मैरिज करने के बाद सोनाक्षी ने रिसेप्शन पार्टी दी जिसमें 1000 लोग शामिल हुए, सोनाक्षी जहीर की शादी में उनके फैमिली, फ्रेंड्स के साथ साथ बॉलीवुड के मशहूर कलाकार सलमान खान, रेखा, काजोल एवं कई दिग्गज हस्तियां शामिल हुए, लेकिन उनके दोनों भाई इस शादी में नहीं दिखे. सोनाक्षी के पति कौन है सोनाक्षी सिन्हा के पति जहीर इकबाल भारतीय एक्टर हैं , यह एक्टर के साथ-साथ बिजनेसमैन भी हैं , इनका पूरा नाम जहीर इकबाल रत्नसी है सभी प्यार से इन्हें जहीरो कहते हैं , जहीर इकबाल [Zaheer Iqbal] का जन्म 10 दिसंबर, 1988 में मुंबई में हुआ था इन्होंने अपनी पढ़ाई मुंबई स्कॉटिश स्कूल से पूरी की.
क्या अरविंद केजरीवाल को मिल गई जमानत
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार किया गया था लेकिन आपको बता दें कि अब उन्हें जमानत मिल चुकी है, वे अब जेल से बाहर आ सकते हैं लेकिन अब उनके रिहाई पर असमंजस बना हुआ है क्योंकि हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की जमानत पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट की वोकेशनल बेंच में की गई याचिका दायर 20 जून को हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को जमानत दे दी थी लेकिन HC ने इसका विरोध किया है, बता दें कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को जमानत मिलने पर ED द्वारा हाई कोर्ट की वोकेशनल बेंच में याचिका दायर की गई, अरविंद केजरीवाल फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं. यह भी पढ़े : हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद नीतीश कुमार को केंद्र सरकार से मिलेगी मदद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को नहीं दी दोषी करार अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब ED पेज फंसाता नजर आ रहा है, बता दें कि अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर रोक लगा दी गई है, जिस पर अरविंद केजरीवाल के जज ने आपत्ति जताई है, उन्होंने अरविंद केजरीवाल की जमानत न मिलने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अरविंद केजरीवाल को कुछ समय के लिए बेल दी थी, इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल के जज विक्रम चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें दोषी करार नहीं दिए, उनकी कोई अपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और मामला लंबे समय से लंबित है स्टे का नाम ही नहीं ले रहा, इस पर कोर्ट ने उन्हें जवाब देते हुए कहा हम आपको भी सुनेंगे.
रणबीर कपूर की जीवनी हिंदी में
फिल्म रामायण [Ramayana] को लेकर रणबीर कपूर [Ranbir Kapoor] इन दिनों काफी चर्चे में है हाल ही में आई उनकी फिल्म एनिमल (Animal) को लोगों ने बेहद पसंद किया था, इस फिल्म को देखने के बाद से लोगों को उनके निजी जिंदगी के बारे में जानने की काफी जिज्ञासा हुई है, क्या आप भी उनके बारे में जानना चाहते हैं अगर हां तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. रणबीर कपूर [Ranbir Kapoor] एक भारतीय अभिनेता हैं जो मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में काम करते हैं, यह अभिनेता के साथ-साथ निर्माता एवं व्यवसायी भी हैं, यह बॉलीवुड के सबसे स्मार्ट और हैंडसम अभिनेताओं में से एक हैं. आरंभिक जीवन एवं शिक्षा रणबीर कपूर [Ranbir Kapoor] का जन्म 28 सितंबर 1982 ई को मुंबई में हुआ था इनका नाम रणवीर इनके दादाजी के नाम पर रखा गया है, वास्तव में राज कपूर का नाम रणवीर राज कपूर [Ranbir Raj Kapoor] था लेकिन वह राज कपूर नाम से प्रचलित थे, उनके माता-पिता ऋषि कपूर एवं नीतू कपूर हैं, इन्होंने स्कूली शिक्षा मुंबई के बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से पूरी की, इन्होंने आगे की शिक्षा भी मुंबई से ही प्राप्त किया, बता दें कि रणबीर एच.आर.कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स मुंबई (H.R.College of Commerce and Economics Mumbai) से आगे की शिक्षा प्राप्त कि, इसके बाद इन्होंने न्यू यॉर्क जाकर वहां के विजुअल आर्ट्स स्कूल में एडमिशन ले लिया और वहां से फिल्म मेकिंग और ली स्ट्रासबर्ग थिएटर एंड फिल्म इंस्टीट्यूट से एक्टिंग का कोर्स किया. फिल्म निर्देशक के तौर पर की थी करियर की शुरुआत फिल्म सांवरिया [Film Shavariyan] से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी आपको ये जानकर हैरानी होगी कि रणबीर कपूर ने एक्टिंग करने से पूर्व निर्देशक के तौर पर काम किया था, साल 2005 में इन्होंने संजय लीला भंसाली के साथ फिल्म ब्लैक [Film Black] में काम किया उनकी मेहनत को देख उन्हें फिल्म सांवरिया मिली थी हालांकि मूवी उतनी चली नहीं लेकिन इस मूवी के चलते इन्हें एक खास पहचान मिली, उनकी पहली फिल्म फ्लॉप रही फिर भी इन्होंने हार नहीं माना अपनी फिल्मी करियर में इन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी. रणबीर कपूर की सुपरहिट फिल्में बर्फी एनिमल ये जवानी है दीवानी ए दिल है मुश्किल राजनीति रॉकस्टार रणबीर कपूर की पत्नी कौन है रणबीर कपूर की पत्नी आलिया भट्ट [Alia Bhatt] हैं जो बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री हैं, शादी से पूर्व अभिनेता ने कई खूबसूरत एक्ट्रेस को डेट किया है, रणबीर कपूर [Ranbir Kapoor] की पहली गर्लफ्रेंड उनकी फ्रेंड थी जिसे वह सातवीं क्लास से पसंद करते थे इसके बाद इन्होंने अवंतिका मलिक [Avantika Malik] को डेट किया इन्होंने सोनम कपूर [Sonam Kapoor], दीपिका पादुकोण [Deepika Padukone], कैटरीना कैफ [Katrina Kaif] जैसी अभिनेत्री को भी डेट किया है, इसके बाद आलिया भट्ट [Alia Bhatt] को काफी दिनों तक डेट करने के बाद उनसे शादी कर ली, बता दें कि इन दोनों कपल्स की शादी 14 अप्रैल 2022 को हुई थी, इनकी एक बेटी है जिसका नाम राहा कपूर [Raha Kapoor] है.