औरंगाबाद (Aurangabad) बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले में मौजूद एक नगर है यह जिले का मुख्यालय भी है, इतिहास काल में इसे नौरंगाबाद के नाम से जाना जाता था, इतिहास काल में यह मगध साम्राज्य का हिस्सा था, औरंगाबाद (Aurangabad) को बिहार का चितौड़गढ़ (Bihar ka Chittorgarh) कहा जाता है इसके साथ ही इसे राजस्थान से आए राजपूत का गढ़ माना जाता है, आजादी के बरसों बाद यह जिला 26 जनवरी 1973 को अस्तित्व में आई.
औरंगाबाद (Aurangabad) राज्य की राजधानी पटना (Patna) से 140 मीटर की दूरी पर मौजूद है वही देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) से इसकी दूरी 1397 किलोमीटर की है, 2024 के अनुसार औरंगाबाद (Aurangabad) की कुल आबादी लगभग 143,000 है वही इसकी क्षेत्रफल 3355 वर्ग मीटर है, औरंगाबाद का लिंग अनुपात 1000 पुरुषों पर 910 महिला है, वहीं इसकी साक्षरता दर 86.03% है, यहां कई हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन एवं सिख धर्म के लोग निवास करते हैं .
औरंगाबाद (Aurangabad) में कई ऐसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है जो इसकी प्रसिद्धि की वजह है यहां पर घूमने के लिए कई ऐसे स्थान है जिसकी वाह वाही पूरे देश में होती है आइए जानते हैं यहां के घूमने लायक जगहों के बारे में
उमगा सूर्य मंदिर (Umaga Surya Temple)
उमगा सूर्य मंदिर (Umaga Surya Temple) औरंगाबाद के मदनपुर में मौजूद है, छठ पूजा के लिए यह मंदिर बिहार के दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है पहले स्थान पर देव सूर्य मंदिर (Dev Surya Temple) है, उमगा सूर्य मंदिर उमगा पहाड़ियों पर इस्थीत है, इस मंदिर के बगल में उमंगेश्वरी देवी जी का भी मंदिर है.
दाऊद का किला (Daud fort)
सोन नदी (Sone river) के तट पर बना दाऊद का किला एक प्राचीनतम किला है, बताया जाता है कि दाऊद खान (Daud Khan) एक युद्ध से विजय प्राप्त कर कुछ दिन के लिए इसी स्थान पर रुका था और इस जगह की स्थापना की थी, यह औरंगाबाद जिले का प्रमुख टूरिज्म प्लेस है.
अमझर शरीफ (Amjhar Sharif)
औरंगाबाद (Aurangabad) में मौजूद अमझर शरीफ (Amjhar Sharif) इस्लाम धर्म की एक महत्वपूर्ण स्थान है जो हज़रत सैय्यदना मोहम्मद जिलानी अमझरी क़ादरी की एक प्राचीन मज़ार है, जून के पहले सप्ताह के पीर की वर्षगांठ पर लाखों की संख्या में यहां पर मुस्लिम एवं अन्य समुदाय के लोग पहुंचते हैं.