चुनावी परिणाम आने के बाद 9 जून को शपथ ग्रहण के दौरान 71 मंत्रियों ने शपथ ली जिसमें एक भी मुस्लिम उम्मीदवार सांसद नहीं चुने गए जबकि हिंदू, सिख, बौद्ध एवं ईसाई धर्म के नेताओं को मंत्री पद मिला, लेकिन मुस्लिम धर्म के एक भी व्यक्ति को केंद्र मंत्रालय में जगह नहीं मिली, अब ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोगों का सवाल है कि आखिर प्रधानमंत्री ने मुस्लिम उम्मीदवारों को मंत्री पद की शपथ क्यों नहीं दी ?
भाजपा [BJP]के स्पोर्टस का कहना है कि जब मुस्लिम समुदाय की ओर से बीजेपी पार्टी को वोट नहीं मिलती तो उन्हें मंत्री कैसे बनाया जाए, खैर आगे जानते हैं की मुस्लिम को केंद्रीय मंत्री क्यों नहीं बनाया गया.
2022 तक अंतिम मुस्लिम मंत्री रहे नकवी
प्रधानमंत्री ने लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव जीत कर इतिहास रच दिया है, रविवार 9 जून को प्रधानमंत्री के साथ 71 मंत्रियों ने शपथ ली जिसमें से एक भी ऐसे उम्मीदवार नहीं शामिल हुए जो मुस्लिम समुदाय से हों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में अंतिम मुस्लिम मुख्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी[Mukhtar Abbas Naqvi] थे जिनकी कार्यकाल 2022 में पूरी हो गई थी जिसके बाद मुख्तार अब्बास नकवी ने पद छोड़ गया था, नकवी के बाद किसी भी मुस्लिम को केंद्र मंत्रालय में जगह नहीं मिली, बता दे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मुस्लिम को उम्मीदवार बनाया था लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाए अब ऐसे में मुस्लिम समुदाय के एक भी प्रत्याशी केंद्र मंत्री नहीं बने.
क्यों नहीं मुस्लिम सांसद चुने गए
2014 में भारतीय जनता पार्टी [BJP]की जीत हुई और नरेंद्र मोदी [Narendra Modi]देश के प्रधानमंत्री बने इनके पहले कार्यकाल में मंत्रिमंडल में नजमा हेपतुल्ला [Najma Heptulla], एमजे अकबर[MJ Akbar] और मुख्तार अब्बास नकवी [Mukhtar Abbas Naqvi]के रूप में तीन मुस्लिम मंत्री बनाए गए थे.
साल 2014 में बीजेपी पार्टी की ओर से सात अलग-अलग सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों टिकट मिला लेकिन सातों के सातों सीट पर उनकी हार हुई, इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी पार्टी की ओर से मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट प्रदान किया गया इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 सीटों से मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया लेकिन इस बार भी सभी की हार हुई, 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री ने एक सीट से मुस्लिम को उम्मीदवार बनाया, बता दे कि प्रधानमंत्री ने केरल की मलप्पुरम सीट से अब्दुल सलाम को टिकट दिया था लेकिन वह भी हार गए ऐसे में किसी भी मुस्लिम को केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया.