अमृतसर (Amritsar) का स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) सिखों की आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है साथ ही साथ यह अनेकों पर्यटकों की आकर्षण का केंद्र भी है, स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) की खूबसूरती की चर्चा देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी होती है, स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है चलिए जानते हैं स्वर्ण मंदिर से जुड़ी खास बातें.
स्वर्ण मंदिर किसने बनवाया, इतिहास
बताया जाता है की रामायण काल में प्रभु श्री राम के दोनों पुत्र लव और कुश ने यहां आकर रामायण की पाठ की थी, स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) को गुरु अर्जन साहिब (Guru Arjan Sahib) के नाम पर बनवाया गया था.
बताया जाता है कि सिख गुरु गुरु रामदास (Guru Ram Das) जी ने 1577 में मंदिर की नींव रखी थी और सिख धर्म के पांचवे गुरु गुरु अर्जन (Guru Arjan) ने मंदिर की स्थापना की थी, मंदिर का निर्माण कार्य 1581 में हुआ था मंदिर के पहले संस्करण पूरे होने में 8 साल लगे थे.
सीखों और मुसलमानों के लंबे विवाद के बाद 1962 में इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था इसके बाद 1974 में फिर से मंदिर को बनवाया गया, 1830 में मंदिर को सोने से बनवाने के लिए रणजीत सिंह ने सोने दान किए थे.
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स्वर्ण मंदिर कहां स्थित है
स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) भारत के पंजाब (Punjab) राज्य के अमृतसर (Amritsar) में स्थित है, मंदिर के चारों ओर सरोवर है जिसे अमृत सरोवर के नाम से जाना जाता है, बाबा हरमंदिर साहिब के प्रार्थना से पूर्व सरोवर में नहाया जाता है.
स्वर्ण मंदिर में कौन भगवान रहते हैं
स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) मुख्य रूप से सिख धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है, यहां बाबा हरमंदिर साहिब के समक्ष लोग अरदास लगाने आते हैं सिख धर्म के अलावा अन्य धर्म के लोग भी स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में सर झुकाते हैं.
स्वर्ण मंदिर में कितना सोना है
स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) नाम से ही पता चलता है कि इसे स्वर्ण मंदिर क्यों कहा जाता है यह पूरा मंदिर सोने से बना है, इस मंदिर में 750 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है.