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नालंदा विश्वविद्यालय को पहले दुनिया भर में लोहा माना जाता था , आखिर क्यों जाने पूरा इतिहास

Nalanda University history in hindi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया गया है नया नालंदा विश्वविद्यालय (New Nalanda University) का नया परसर डेवलप किया जा रहा है, ये हमें एक नया अवसर देता है कि हम अपनी प्राचीन संस्कृति में हमारे इतिहास में एक बार फिर से नजर डालें और एक बार फिर से समझने की कोशिश करें कि नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) पूरे इतिहास में भारत के लिए गौरव का कितना महत्वपूर्ण विषय रहा है भारत के लिए कितना जरूरी रहा है आइए आज नालंदा विश्वविद्यालय के इतिहास पर एक बार नजर डालते हैं। 

नालंदा विश्वविद्यालय इतिहास  (History of Nalanda University) 

हमारा नालंदा विश्वविद्यालय जो महाविहार रहा है, सबसे पहले लोकेशन कि अगर हम बात करें तो यह प्राचीन मगध में मौजूद था प्राचीन मगध का मतलब यह है कि आधुनिक बिहार और विशिष्ट लोकेशन कि अगर बात करें तो प्राचीन मगध में नालंदा राज्यगृह करके एक जगह थी वर्तमान समय में राजगीर से जाना जाता है, पाटलिपुत्र शहर जो वर्तमान में पटना है उसके करीब हमें विश्वविद्यालय देखने को मिलता है।

नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई थी (When was Nalanda University Established)

(Nalanda University) नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की अगर हम बात करें तो इसकी स्थापना पांचवीं शताब्दी में की गई थी इसकी स्थापना का श्रेय दिया जाता है कुमार गुप्ता को जो की गुप्त राजवंश से संबंधित है, और कई किताबों में उनका जिक्र आदित्य के नाम से परिभाषित किया गया है, जो कुमार गुप्त थे वह हिंदू धर्म को फॉलो करते थे, और जो नालंदा विश्वविद्यालय था वह बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण सेंटर था यहां पर आप देख सकते हैं कि प्राचीन भारत में जो कम्युनल हार्मनी (communal harmony) थी जो अलग-अलग धर्म के बीच में आपके सहयोग देखने को मिलता था वो समन्वय था उसका एक बेहतर उदाहरण नालंदा विश्वविद्यालय के तौर पर देखने को मिल जाएगा।

नालंदा विश्वविद्यालय की विशेषताएं (Features of Nalanda University)

नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) की विशेषताओं की अगर आप बात करें तो यह दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय (First residential University in the world) था, आवासीय विश्वविद्यालय होने का मतलब यह है कि यहां पर स्टूडेंट आकर के रह सकते थे और रहने के साथ-साथ अपनी शिक्षा प्राप्त कर सकते थे, दुनिया भर के अलग-अलग देशों से यहां पर स्टूडेंट देखने को मिलते थे जैसे कि चीन, कोरिया , जापान , तिब्बत , श्रीलंका दक्षिण पूर्व एशिया और अगर आप गौर करेंगे तो आपको पता चलेगा कि तमाम वो देश है जहां पर बौद्ध धर्म बहुत ज्यादा प्रचलित है तो आप कह सकते हैं कि बौद्ध धर्म के इंर्पोटेंट सेंटर के तौर पर नालंदा विश्वविद्यालय काम कर रहा था।

नालंदा विश्वविद्यालय में क्या पढ़ाया जाता था (What was taught in Nalanda University) 

दुनिया भर के विद्वान यहां पर आकर्षित हुए ,अलग-अलग विषयों की पढ़ाई यहां पर आपको देखने को मिलती है, मेडिसिन की पढ़ाई होती है जैसे चिकित्सा ,आयुर्वेद , बौद्ध धर्म , गणित  , व्याकरण , खगोल विज्ञान और भारतीय दर्शन (Indian Philosophy)  यह तमाम  विषय थे,जो वह आपको नालंदा विश्वविद्यालय में देखने को मिल जाते थे और आठवीं और नौवीं शताब्दी के आसपास जो पूरा विश्वविद्यालय था यह पाल वंश के अधीन रहते हुए पाल वंश के संरक्षण में अपने उरूज पर पहुंचता है, नालंदा विश्वविद्यालय  बहुत ज्यादा तरक्की करता है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करता है, दुनिया भर के कई स्कॉलरशिप है वह यहां पर आते थे ,भारतीय गणितज्ञ और शून्य के आविष्कारक आर्यभट्ट (Aryabhatta) छठी शताब्दी के दौरान यहां पर एक शिक्षक के तौर पर या कहें एक मार्गदर्शक के तौर पर मौजूद थे।

नालंदा विश्वविद्यालय में दाखिला प्रक्रिया (admission process in Nalanda University)

अगर आपको नालंदा यूनिवर्सिटी में एडमिशन (Nalanda University admission) लेना होता था, तो आपको एक कठोर साक्षात्कार की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, एक बहुत कठोर एंट्री होता था, और  एडमिशन मिलने के बाद जो स्कॉलरशिप ग्रुप हुआ करता था, वह आपको गाइड करता था, वह आपको प्रशिक्षित करता था और इन स्कॉलर्स में कोई छोटा नाम शामिल नहीं थे इन स्कॉलर्स ने बहुत बड़े-बड़े नाम शामिल थे जैसे धर्मपाल, सिलभद्र येलोग बौद्ध धर्म के बहुत प्रतिष्ठित व्यक्ति माने जाते हैं तो इस तरह के इंपोर्टेंट विद्वान यहां पर मौजूद थे।

नालंदा विश्वविद्यालय पुस्तकालय (Nalanda University library)

विश्वविद्यालय में एक बहुत इंपॉर्टेंट लाइब्रेरी भी मौजूद थी  जिसको ‘ धर्मगुंज’ के नाम से जाना जाता था और इस पुस्तकालय में तकरीबन 9 मिलियन हस्तलिखित पांडुलिपियों मौजूद थी क्योंकि बौद्ध धर्म  दुनिया का सबसे समृद्ध ज्ञान का भंडार माना जाता था लेकिन इसके बाद पुस्तकालय को किसी की नजर लगती है नालंदा विश्वविद्यालय का विध्वंस हमें देखने को मिलता है।

नालंदा विश्वविद्यालय विध्वंश (Nalanda University demolition)

नालंदा विश्वविद्यालय का विध्वंस भारतीय  इतिहास का सबसे दुखद विषय में से एक है , बख्तियार खिलजी के द्वारा 1190 में विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी थी उसमें आग  लगा देता है, ऐसा कहा जाता है कि यहां 3 महीने तक पुस्तकालय  जलती रही और इस तरह बख्तियार के दुःसाहस कदम की वजह से भारतीय संस्कृति और बौद्ध धर्म का जो इतिहास रहा है जो ज्ञान रहा है वह ज्ञान नष्ट हो जाता है ,हालाकि विनाश के बाद कुछ पांडुलिपियां बचती है उसे वर्तमान समय में आपको लॉस एंजेलिस काउंटी म्यूजियम आफ आर्ट (Los Angeles County Museum of art) और तिब्बत के यारलूंग म्यूजियम में देखने को मिल जाएंगे इसके बाद नालन्दा यूनिवर्सिटी लगातार  इतिहास के पन्नों में गायब हो जाती है।

बहुत समय तक इस विषय पर चर्चा नहीं होती है इसके बाद 1812 में पहली बार इसकी खोज देखने को मिलती है बताते चले कि 1812 में स्कॉटिश सर्वेक्षक फ्रांसीसी बुकानन और हैमिल्टन द्वारा विश्वविद्यालय को फिर से खोजा जाता है फिर 1861 में सर अलेक्जेंडर कनिंघम के द्वारा इसे आधिकारिक तौर पर प्राचीन विश्विद्यालय के रूप में मान्यता प्रदान की जाती है।

नालंदा विश्वविद्यालय पुनरुद्धार (Nalanda University revival)

नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) को पुनर्जीवित करने का विचार पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम (Dr. A. P. J Abdul Kalam) के द्वारा 2006 में पेश किया जाता है फिर 2010 में अधिनियम पारित होता है, 2014 में राजगीर में काम शुरू होता है , 2016 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) द्वारा राजगीर के पिलखी गांव में स्थाई परिसर आधारशिला रखी जाती है वहीं 2017 में निर्माण कार्य शुरू होता है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi) द्वारा 19 जून 2024 को उद्घाटन किया गया।

नया नालंदा विश्वविद्यालय (New Nalanda University)
नई नालंदा विश्वविद्यालय के एक बार बात करें तो 100 एकड़ परिसर में फैला हुआ है और नया परिसर पुराने वास्तु सिद्धांतों के साथ पर्यावरण के अनुकूल और वास्तुकला एक संग्रह बनाया गया है, जो शुद्ध शून्य कार्बन (Net Zero) उत्सर्जित करता है, मौजूदा समय में 1900 छात्रों को पढ़ने के लिए क्लास रूम बनाए गए हैं 300 से अधिक लोगों के बैठक वाले दो सभागार बनाए गए हैं , 550 छात्रों के लिए छात्रावास की व्यवस्था की गई है, संकाय के लिए 197 शैक्षणिक आवास इकाइयां है, इसके अलावा आपके यहां पर खेल परिसर , चिकित्सा केंद्र वाणिज्य केंद्र और संकाय क्लब देखने को मिल जाएगा , नया नालंदा विश्वविद्यालय (New Nalanda University) में अंतरराष्ट्रीय संबंध , साहित्य , पारिस्थितिकी , इतिहास , बौद्ध अध्ययन , भाषा और सतत विकास संचालित किया जाएगा।

uttamraj.com देश विदेश और लोकल न्यूज़ को प्रकाशित करता है 

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